सैमसन ने पूर्व ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के यूट्यूब चैनल पर कहा, “यह बदलाव अचानक टी20 विश्व कप के बाद हुआ। गौतम आए, और सूर्या कप्तान बने। मैं आंध्र में दलीप ट्रॉफी का मैच खेल रहा था। सूर्या दूसरी टीम के लिए खेल रहे थे। उन्होंने मुझसे कहा कि आपके लिए एक अच्छा मौका आने वाला है। हमारे पास सात मैच हैं। मैं आपको सभी सात मैच ओपनर बतौर ओपनर खिलाऊंगा। कप्तान के मुंह से ऐसा सुनकर मुझे लगा कि यह तो कमाल है।”
सैमसन ने कहा, “मैंने श्रीलंका में दो मैच खेले थे, लेकिन रन नहीं बना पाया। ड्रेसिंग रूम में थोड़ा निराश था। गौतम मेरे पास आए और पूछा कि क्या हुआ है? मैंने कहा, ‘काफी समय बाद मुझे मौका मिला, लेकिन इसका फायदा नहीं उठा पाया।’ उन्होंने कहा, ‘तो क्या हुआ? अगर आप 21 बार जीरो पर आउट हो गए, तभी मैं आपको टीम से बाहर करूंगा।’ कप्तान और कोच की इन बातों ने निश्चित रूप से मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया। इससे मुझे मैदान पर उतरकर अच्छा प्रदर्शन करने में मदद मिली।”
संजू सैमसन अब तक भारत के लिए 42 टी20 मैचों में 25.32 की औसत के साथ 861 रन बना चुके हैं। उन्होंने इस फॉर्मेट में तीन शतक और दो अर्द्धशतक लगाए हैं। संजू 9 से 28 सितंबर तक यूएई में होने वाले एशिया कप के लिए चयन की दौड़ में शामिल हैं। सैमसन ने स्वीकारा कि वह टी20 फॉर्मेट में डेब्यू के बाद से बार-बार टीम से अंदर-बाहर होने के चलते निराश थे, लेकिन गंभीर और सूर्यकुमार के आने के बाद उनके लिए चीजें बेहतर हुईं।