डब्ल्यूसीएल ने इस मुकाबले को लेकर एक बयान जारी करते हुए लिखा, “हम डब्ल्यूसीएल में हमेशा क्रिकेट से प्रेम करते आए हैं। हमारा एकमात्र उद्देश्य खेल प्रेमियों को खुशनुमा और यादगार पल देना रहा है। जब हमें यह पता चला कि इस साल पाकिस्तान की हॉकी टीम भारत आ रही है, और हाल ही में भारत-पाकिस्तान की वॉलीबॉल प्रतियोगिता सहित अन्य खेलों में भी दोनों देशों के बीच मुकाबले हो रहे हैं, तो हमने सोचा कि डब्ल्यूसीएल में भारत और पाकिस्तान का मैच आयोजित करते हुए एक सकारात्मक याद लोगों को दी जा सके, लेकिन हो सकता है कि इसी प्रक्रिया में हम अनजाने में कई लोगों की भावनाएं आहत कर बैठे।”
WCL को मांगनी पड़ी माफी
बयान में आगे कहा गया, “हमने अनजाने में भारत के उन महान क्रिकेटर्स को असहज कर दिया, जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया है। इसीलिए, हमने फैसला लिया है कि भारत और पाकिस्तान के मैच को रद्द किया जाए। क्षमा चाहते हैं कि हमारी किसी भी पहल से किसी की भावनाएं आहत हुईं। आशा है आप हमारी भावना को समझेंगे।” भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज शिखर धवन शनिवार देर रात भारत-पाकिस्तान के मुकाबले से अपना नाम वापस लेने का ऐलान कर चुके थे। शिखर धवन ने एक्स पर एक ई-मेल का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, “जो कदम 11 मई को लिया, उस पर आज भी वैसे ही खड़ा हूं। मेरा देश मेरे लिए सब कुछ है, और देश से बढ़कर कुछ नहीं होता। जय हिंद!”
‘क्रिकेट और राजनीति को अलग रखना चाहिए’
इस मामले पर पाकिस्तान चैंपियंस के कप्तान शाहिद अफरीदी ने चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि अगर भारत को नहीं खेलना था तो उन्हें आना ही नहीं चाहिए थे। अफरीदी ने कहा, “हम यहाँ क्रिकेट खेलने आए हैं और मैंने हमेशा कहा है कि क्रिकेट को राजनीति से दूर रखा जाना चाहिए। एक खिलाड़ी को एक अच्छा एम्बेसेडर होना चाहिए, न कि अपने देश के लिए शर्मिंदगी का कारण। अगर भारत खेलना नहीं चाहता था तो उसे यहां नहीं आना चाहिए था।” उन्होंने आगे कहा, “हम यहां क्रिकेट खेलने आए हैं। उन्हें यहां आने से पहले ही मना कर देना चाहिए था। लेकिन अब आप आ गए हैं, अभ्यास भी कर लिया है और फिर अचानक एक ही दिन में सब कुछ बदल दिया है।”