विराट कोहली ने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। उस साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया दौरे के बाद उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह पक्की कर ली थी। अपने संन्यास के समय वह शतकों के मामले में भारत के चौथे सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाज हैं। उनसे ज्यादा टेस्ट शतक केवल सचिन तेंदुलकर (51 शतक), राहुल द्रविड़ (36), और सुनील गावस्कर (34 शतक) ने लगाए हैं। लेकिन जब बात दोहरे शतक की आती है तो विराट ने भारत के किसी भी बल्लेबाज से अधिक सात डबल सेंचुरी लगाई है। एक कप्तान के तौर पर टेस्ट शतक लगाने के मामले में भी विराट कोहली सबसे आगे हैं। उन्होंने कप्तान रहते हुए 20 टेस्ट शतक लगाए।
2018 में अंग्रेजों की बजाई बैंड
विराट कोहली के लिए 2018 का इंग्लैंड दौरा बहुत खास रहा था। पांच टेस्ट मैचों की उस सीरीज में उन्होंने दोनों टीमों में सबसे ज्यादा कुल 583 रन बनाए थे, उनका औसत 59.30 रहा और इसमें दो शतक शामिल थे। यह प्रदर्शन इसलिए भी और खास था क्योंकि 2014 के पिछले इंग्लैंड दौरे पर वह 10 पारियों में सिर्फ 134 रन ही बना पाए थे। 2018 का साल उनके करियर का सबसे बेहतरीन साल भी रहा, जब उन्होंने कुल 1322 रन बनाए। उनके शानदार दौर (2016 से 2019) में, उनका औसत 2016 में 75.93, 2017 में 75.64, 2018 में 55.08 और 2019 में 68.00 रहा। 2016 से 2018 के बीच उन्होंने 35 टेस्ट मैचों की 58 पारियों में 66.59 की औसत से 3596 रन बनाए, जिसमें 14 शतक और आठ अर्धशतक शामिल थे। हालांकि, विराट कोहली के लिए 2024 का ऑस्ट्रेलिया दौरा काफी मुश्किल रहा, खासकर उनके अपने ऊंचे स्तर को देखते हुए। 9 पारियों में वे सिर्फ 190 रन बना पाए थे।
कोहली ने पिछले साल टी20 विश्व कप जीतने के बाद सबसे छोटे प्रारूप को भी अलविदा कह दिया था। वह वनडे प्रारूप में अंतिम बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में नजर आए थे जो साल 2025 में ही हुई थी और भारत ने रोहित शर्मा की कप्तानी में यह टूर्नामेंट जीता था। कोहली को उनकी कड़ी मेहनत और टेस्ट क्रिकेट खेलने के तरीके के लिए हमेशा याद रखा जाएगा।