हार्दिक टेस्ट टीम का जरूर हिस्सा नहीं हैं, लेकिन उन्होंने वनडे और टी20 में खुद को साबित करके दिखाया है। वह लगातार इन दोनों ही प्रारूपों में खेल रहे हैं। टी20 विश्व कप का खिताब जिताने में उन्होंने फाइनल में अहम भूमिका निभाई थी। ऐसे में वह ऑलराउंडरों में पहली पसंद के खिलाड़ी होंगे। आईपीएल की भी बात करें तो उन्होंने पिछले सीजन 15 मैचों में 224 रन बनाए थे, जिसमें नाबाद 48 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर था। वहीं गेंदबाज़ी में उन्होंने 15 मैचों में 14 विकेट लिए थे, जहां 36 रन देकर पांच विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। हार्दिक टीम संतुलन में एक अहम भूमिका निभाते आए हैं। उनकी हार्ड हीटिंग लेंथ बल्लेबाजों को हमेशा परेशान करती दिखी है।
नीतीश कुमार रेड्डी की बात करें तो उन्होंने पिछले दो सीजन में ही खेलकर भारतीय टीम में एक अहम स्थान स्थापित कर लिया है। ऑस्ट्रेलिया में अपने पहले विदेशी दौरे पर उन्होंने टेस्ट में शतक लगाकर दिखाया। पिछला आईपीएल सीजन हालांकि उनके लिए अच्छा नहीं रहा था। उन्होंने 13 मैचों में 182 रन ही बनाए, जहां पर उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 32 रन था, जबकि गेंदबाजी में भी उन्होंने 13 मैचों में केवल दो ही विकेट लिए। रेड्डी की आक्रामक बल्लेबाजी भारतीय टीम को निचले मध्य क्रम में अहम योगदान दिला सकती है, लेकिन देखना होगा कि टेस्ट की तरह चयनकर्ता उन पर भरोसा करते हैं या नहीं।
शिवम दुबे जब से चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) में आए थे तो उन्होंने टीम इंडिया में वापसी भी करके दिखाई। आईपीएल में उनको इस बार गेंदबाजी में हाथ आजमाने के अधिक मौके नहीं मिले। उनका टीम में आना स्वाभाविक है, क्योंकि पिछली टी20 सीरीज में वह टीम का हिस्सा रहे हैं, लेकिन क्या उनको रेड्डी के ऊपर तरजीह दी जाएगी, यह देखना होगा। दुबे ने इस आईपीएल में 14 मैचों में 357 रन बनाए, जिसमें 50 रन सर्वाधिक स्कोर था, जो उनका इस सीजन एकमात्र अर्धशतक भी था। गेंदबाजी की बात करें तो पूरे सीजन इस बार उन्होंने केवल 14 ही गेंद डाली थी। यह सीजन सीएसके के लिए भी ख़ास नहीं रहा था।
रविचंद्रन अश्विन के जाने के बाद वॉशिंगटन सुंदर को उनके विकल्प के तौर पर देखा जाता रहा है। वह टीम में रहेंगे या नहीं यह कहना मुश्किल है, लेकिन अगर टीम ऑलराउंडरों के साथ जाती है तो फिर उनकी जगह बन सकती है। वैसे भी हाल में इंग्लैंड दौरे पर उनका प्रदर्शन शानदार रहा था। वॉशिंगटन को हालांकि गुजरात टाइटंस के लिए इस सीजन अधिक मैच नहीं मिले थे। गेंदबाजी में उन्होंने छह मैचों में केवल दो ही विकेट लिए और बल्लेबाजी में छह मैचों में 149 रन ही बना पाए, जहां पर नाबाद 49 रन उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
अक्षर पटेल की बात करें तो जडेजा के संन्यास लेने के बाद और दिल्ली कैपिटल्स का कप्तान बनने के बाद से अक्षर एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो किसी भी टीम में जगह बना लेंगे। अक्षर ने हाल के सालों में निरंतरता के साथ प्रदर्शन किया है। उन्होंनेआईपीएल में इस सीजन 12 मैचों में 263 रन बनाए, जिसमें 43 रन उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर रहा। जबकि गेंंदबाज़ी में उन्होंने 12 मैचों में पांच विकेट लिए। यूएई की स्पिन मुफीद पिचों पर वह टीम के लिए अहम योगदान दे सकते हैं और वैसे भी टी20 विश्व कप के फाइनल में उनकी विराट कोहली के साथ साझेदारी को कौन भूल सकता है।