एजबेस्टन में चमके, लेकिन लॉर्ड्स और मैनचेस्टर में फ्लॉप
दरअसल शुभमन गिल ने एजबेस्टन में खेले गए दूसरे टेस्ट में 400 से अधिक रनों की शानदार पारी खेलकर सभी का ध्यान खींचा था। एजबेस्टन की पिच इंग्लैंड की पारंपरिक पिचों के मुक़ाबले पाटा थी और उसमें बल्लेबाजी करना आसान था। हालांकि, लॉर्ड्स और मैनचेस्टर की गेंदबाजों को मदद देने वाली पिचों पर उनका बल्ला पूरी तरह खामोश रहा। इन दोनों टेस्ट में गिल की बल्लेबाजी ने प्रशंसकों को निराश किया, और चौथे टेस्ट में उनकी असफलता ने आलोचकों को और हवा दी।
चौथे टेस्ट में गिल का आउट होना बना चर्चा का विषय
मैनचेस्टर टेस्ट में शुभमन गिल का आउट होने का तरीका उनकी तकनीकी कमजोरियों को उजागर करता है। इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की एक अंदर आती गेंद को गिल ने छोड़ने की कोशिश की, लेकिन गेंद उनके पैड पर जा लगी। इंग्लैंड ने जोरदार अपील की, और अंपायर ने बिना देर किए उंगली उठा दी। गिल ने डीआरएस लिया, लेकिन थ्री रेड के कारण न केवल उनका रिव्यू बर्बाद हुआ, बल्कि उन्हें पवेलियन भी लौटना पड़ा। डीआरएस लेना बेमतलब था, क्योंकि जब बल्लेबाज शॉट नहीं खेलता, तो गेंद का इंपैक्ट मायने नहीं रखता।
अंदर आती गेंद गिल की पुरानी कमजोरी
शुभमन गिल के लिए अंदर आती गेंद हमेशा से परेशानी का सबब रही है। उनके टेस्ट करियर में वह चार बार गेंद छोड़ते हुए आउट हो चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, अपने डेब्यू के बाद से गिल टेस्ट क्रिकेट में गेंद छोड़ते हुए आउट होने वाले बल्लेबाजों में दूसरे नंबर पर हैं। उनसे आगे केवल ऑस्ट्रेलिया के कैमरून ग्रीन हैं, जो पांच बार इस तरह आउट हुए हैं। गिल की इस तकनीकी खामी ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि क्या वह मुश्किल परिस्थितियों में टीम को संभाल पाएंगे?
सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए गिल
शुभमन गिल की इस नाकामी के बाद सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना का सिलसिला शुरू हो गया। एक यूजर ने लिखा, “शुभमन गिल का बल्ला सिर्फ फ्लैट पिच पर ही चलता है। जरा सी स्विंग हो, और गिल पवेलियन में नजर आते हैं।” एक अन्य यूजर ने तंज कसते हुए कहा, “पश्चिम से सूरज उग सकता है, लेकिन गिल को प्रेशर में रन बनाते नहीं देखा जा सकता।” एक और फैन ने चुटकी लेते हुए लिखा, “मुश्किल पिच देखकर गिल क्यों कांपने लगते हैं? क्या वह सिर्फ पाटा पिचों पर ही रन बनाएंगे? शुक्र है इंग्लैंड ने फ्लैट विकेट दिया, वरना 100 रन भी मुश्किल थे।”