गांव के ठेकेदार से किया था मदद का अनुरोध
दरअसल, ज्योति ने गांव के एक स्थानीय ठेकेदार अनिल हुनाशिकट्टी से संपर्क किया। हुनाशिकट्टी से ज्योति को जामखंडी के बीएलडीई कॉलेज में बीसीए की सीट दिलाने में मदद करने का अनुरोध किया। अनिल ने न केवल उसके दाखिले में मदद का वादा किया, बल्कि आर्थिक मदद का प्रबंध करने का आश्वासन भी दिया।
ऋषभ पंत ने भरी कॉलेज फीस
हुनाशिकट्टी ने बेंगलुरु में अपने दोस्तों से संपर्क किया। अनिल के दोस्त ऋषभ पंत के करीबी हैं, जिन्होंने भारतीय क्रिकेटर को ज्योति के बारे में जानकारी दी। ऋषभ पंत तुरंत मदद के लिए आगे आए। 17 जुलाई को उन्होंने ज्योति की पहली सेमेस्टर की फीस के लिए 40 हजार रुपये सीधे कॉलेज के खाते में ट्रांसफर कर दिए, जिससे ज्योति की पढ़ाई शुरू हो सकी है।
‘भगवान ऋषभ पंत को अच्छी सेहत दें’
ऋषभ पंत का आभार जताते हुए ज्योति ने कहा कि मैंने गलागली से 12वीं क्लास की पढ़ाई पूरी की और बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लीकेशन (BCA) कोर्स करने का सपना देखा, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। मैंने अनिल हुनाशिकट्टी को इस बारे में बताया और उन्होंने बेंगलुरु में अपने दोस्तों से संपर्क किया, जिन्होंने मेरी स्थिति से ऋषभ पंत को अवगत कराया और उन्होंने मेरी मदद की। भगवान ऋषभ पंत को अच्छी सेहत दें। उनकी मदद मेरे लिए बहुत मायने रखती है। उम्मीद है कि पंत मेरे जैसे गरीब पृष्ठभूमि के अन्य छात्रों को भी सपोर्ट करते रहेंगे।