सतीश राणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अंशुल कंबोज का टेस्ट में डेब्यू हो चुका है। अंशुल के टीम इंडिया का हिस्सा बनने से हम बेहद खुश हैं। वह 11 साल से लगातार कड़ी मेहनत कर रहा है। कई-कई घंटे तक वह अभ्यास करता था। धूप-सर्दी अंशुल ने कुछ नहीं देखा। उसका एक ही सपना था, भारतीय टीम का हिस्सा बनना और वह पूरा हो गया है। मेरी उससे बातचीत हुई। मैंने उससे कहा है कि मैच पर फोकस रखना है और अच्छा प्रदर्शन करना है। अंशुल यॉर्कर बहुत अच्छी फेंकता है।
अंशुल के चाचा यशपाल कंबोज ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि अंशुल बेहतरीन प्रदर्शन करेगा। उनके पिता शुरू से ही किसानी करते हैं। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है, इसलिए वे घर से बाहर भी नहीं निकल सकते। लेकिन परिवार में खुशी की लहर है। अंशुल को यहां तक लाने में उनके पिता ने काफी संघर्ष किया है।
पहले वे अंशुल को गांव से शहर रोजाना खेलने के लिए लाया करते थे। आज उनका सपना भी पूरा हुआ है। उम्मीद है, जब भारत की गेंदबाजी आएगी तो अंशुल अपना बेस्ट प्रदर्शन करेगा। अंशुल के इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट के लिए भारतीय टीम में चयन से उनके घर और क्लब में खुशी का माहौल है।