ऑस्ट्रेलिया को फर्श से अर्श तक पहुंचाया
न्यू साउथ वेल्स के बॉब सिम्पसन ने 41 वर्ष की उम्र में अंतरराट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। इसके बाद वह ऑस्ट्रेलियाई टीम के पहले फुल टाइम कोच बने। उस दौरान टीम एक भी टेस्ट सीरीज जीतने के लिए संघर्ष कर रही थी, लेकिन उनके आने के बाद टीम को काफी मजबूती मिली। उनके मार्गदर्शन में ही ऑस्ट्रेलिया ने 1987 में अपना पहला वर्ल्ड कप जीता। इसके साथ ही 4 एशेज सीरीज और फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी 1995 जीती, जिसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया की टीम ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 17 साल की जीत का सूखा खत्म किया।
वर्ल्ड कप 1996 के बाद कोच के पद से दिया इस्तीफा
सिम्पसन ने वर्ल्ड कप 1996 के बाद ऑस्ट्रेलिया के कोच के पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने राष्ट्रीय चयनकर्ता के रूप में भी क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए काम किया। उन्हें 1985 में स्पोर्ट ऑस्ट्रेलिया हॉल ऑफ फेम तो 2006 में ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में जगह दी गई थी। इसके बाद आईसीसी ने 2013 में क्रिकेट हॉल ऑफ फेम में जगह दी। इसके अलावा उन्हें कई सम्मान मिले।
बॉब सिम्पसन मिले ये सम्मान
1965 में विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर के लिए नामित 1978 में ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया के सदस्य बने 1985 में स्पोर्ट ऑस्ट्रेलिया हॉल ऑफ फेम 2000 में ऑस्ट्रेलियाई खेल पदक 2001 में क्रिकेट में योगदान के लिए शताब्दी पदक 2006 में ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फेम
2007 में ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया 2013 में आईसीसी क्रिकेट हॉल ऑफ फेम