scriptराजस्थान के लाल को नम आंखों से अंतिम विदाई: शहादत से पहले बेटी से कहा था…खूब पढ़ना, तुझे आर्मी में बड़ा अफसर बनना है | Funeral of martyred Rajasthan soldier Bhanwarlal Saran in Gulmarg, Jammu and Kashmir | Patrika News
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राजस्थान के लाल को नम आंखों से अंतिम विदाई: शहादत से पहले बेटी से कहा था…खूब पढ़ना, तुझे आर्मी में बड़ा अफसर बनना है

जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में सेवा के दौरान शहीए हुए गांव लूणासर के लाल और भारतीय सेना के जवान भंवरलाल सारण की पार्थिव देह ज्योंही शहर पहुंची तो उनके सम्मान में लोग उमड़ पड़े।

चूरूJun 12, 2025 / 11:33 am

Anil Prajapat

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शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब। फोटो: पत्रिका

सरदारशहर। जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में सेवा के दौरान शहीए हुए गांव लूणासर के लाल और भारतीय सेना के जवान भंवरलाल सारण की पार्थिव देह ज्यों ही बुधवार को शहर पहुंची तो उनके सम्मान में लोग उमड़ पड़े। यहां से उनके गांव लूणासर तक निकाली तिरंगा यात्रा में उमड़े जनसमूह ने 42 किलोमीटर की यात्रा कर उनके गांव के घर पहुंची तो उनकी धर्मपत्नी तारामणी बिलख उठी।

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चार वर्षीय पुत्री रितिका अपने पापा के तिरंगे में लिपटे देख सहमी रही। घर आंगन में रखी जवान की देह से लिपटी वीरांगना को देख लोगों को आंखे सजल हो उठी। परिजन अपने घर के चिराग को देख संभल नहीं पा रहे थे। गांव के पास स्थित श्मशान भूमि में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में रविवार रात डेढ़ बजे आर्मी के जवान 32 वर्षीय भंवरलाल सारण ड्यूटी के दौरान अंतिम सांस ली। मंगलवार रात उनका पार्थिव शरीर को सरदारशहर लाया गया। बुधवार सुबह शहर के तिरंगा स्टेडियम से तिरंगा यात्रा के रूप में रवाना होकर पार्थिव शरीर शहीद के पैतृक गांव लूणासर गांव पहुंचा। जहां पर बुधवार दोपहर 2 बजे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
Indian Army soldier Bhanwarlal Saran

सेना के जवानों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर

सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर शहीद भंवरलाल सारण को सलामी दी। इससे पहले जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कैप्टन दिलीपसिह राठौड़, उपखण्ड अधिकारी दिव्या चौधरी, चूरू विधायक हरलाल सहारण, सभापति राजकरण चौधरी, कमला कस्वां, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष इन्द्राज खीचड़, आदि जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों ने उन्हें पुष्प चक्त्रस् अर्पित और पुष्पांजली अर्पित की।

परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

पार्थिव शरीर जैसे ही घर पहुंचा वैसे ही उनके घर में 30 वर्षीय पत्नी तारामणि, पिता उमाराम, 5 साल की बेटी रितिका और भाई मुकेश सहित परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया। गांव के लोग परिजनों को ढांढस बंधाने में लगे हुए रहे।
Indian Army soldier Bhanwarlal Saran

बेटी से कहा था- खूब पढ़ाई करना…

ग्रामीणों ने बताया कि भंवरलाल की मां सुखी देवी की मृत्यु करीब 8 साल पहले बीमारी के कारण हो गई थी। सन 2014 में भंवरलाल की शादी मालसर गांव की तारामणि से हुई थी। उनकी एक 5 वर्षीय बेटी रितिका है। जवान भंवरलाल तीन महीने पहले घर पर छुट्टियां बीताकर वापस ड्यूटी पर गये थे। घटना से दो दिन पहले 6 जून को बेटी रितिका से फोन पर बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि बेटी, खूब पढ़ाई करना… तुझे आर्मी में बड़ा अफसर बनना है।
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राजपुताना बटालियन में थे सारण

भंवरलाल सारण 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वे नवी बटालियन डी राजपूताना बटालियन में जम्मू कश्मीर के गुलमार्ग सेक्टर में तैनात थे।

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