महात्मा गांधी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए पिछले साल चयन परीक्षा हुई थी। लेकिन, काफी समय तक विभाग ने परिणाम जारी नहीं किया। महात्मा गांधी स्कूलों में शिक्षकों की कमी की वजह से विद्यालयों में नए सत्र में शिक्षण व्यवस्था भी प्रभावित होगी।
बता दें, पिछली कांग्रेस सरकार ने फ्लैगशिप योजना में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को शामिल किया था। लेकिन सत्ता बदलने के बाद महात्मा गांधी स्कूल राजनीति में उलझकर रहे गए। वर्तमान शिक्षामंत्री मदन दिलावर कई बार पिछली सरकार पर आरोप लगा चुके हैं कि बिना संसाधनों के ग्रामीणों और छात्र-छात्राओं पर अंग्रेजी माध्यम स्कूल थोप दिए गए।
अभिभावक भी हैं परेशान
निजी स्कूलों से टीसी कटवाकर बच्चों को महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश दिलवाने वाले अभिभावक भी महात्मा गांधी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से परेशान हैं। संसाधन और अच्छे शिक्षक मिलने की आस को लेकर बच्चों का इन विद्यालयों में प्रवेश करवाया था पर अब तक बच्चों को पढ़ाने के लिए भी शिक्षक नियुक्त नहीं हुए हैं।
यह आ रही है परेशानी
बताते चलें कि महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल अभी संसाधनों के मामले में पिछड़े हुए हैं। क्योंकि ज्यादातर अंग्रेजी माध्यम स्कूल हिन्दी माध्यम के भवनों में ही संचालित हैं। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में अधिकांश स्टाफ हिन्दी माध्यम का है। इनके लिए अलग से प्रशिक्षण भी नहीं कराया गया। पूर्व प्राथमिक स्कूलों में अभी खेल-खेल में पढ़ाई के लिए शिक्षण सामग्री का अभाव है। वहीं, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के संचालन के लिए नीति स्पष्ट नहीं है।
करीब 1 हजार शिक्षकों के पद रिक्त
दरअसल, चित्तौड़गढ़ जिले में 89 महात्मा गांधी स्कूल हैं। जिनमें करीब एक हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं। जबकि इन स्कूलों में प्रवेश के लिए लॉटरी निकाली जा चुकी हैं और अभ्यर्थियों को 25 जून तक पोर्टल पर लॉक करना है। जिस उद्देश्य से महात्मा गांधी स्कूलों का संचालन प्रारंभ किया गया था। वह मकसद पूरा नहीं होने से अभिभावक खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। जिन बच्चों के नाम लॉटरी में आए हैं, उनके अभिभावक भी शिक्षकों की कमी को देखते हुए अन्य विद्यालयों में बच्चों को प्रवेश दिलाने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में इन स्कूलों का नामांकन प्रभावित होगा।
उच्च स्तर पर कराया अवगत
चित्तौड़गढ़ के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार दशोरा का कहना है कि जिले के महात्मा गांधी विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर उच्च स्तर पर अवगत करा दिया गया है। जल्द ही शिक्षकों की व्यवस्था होने की उमीद है।