माया मंडावर पर लगे थे आरोप, कोर्ट से मिली राहत
दरअसल, दिसंबर 2024 में इस छात्रावास से सबंधित शिकायत की गई थी। अधीक्षिका माया मांडवार पर आरोप लगाए गए थे। माया मांडवार को कार्यमुक्त कर उनकी मूल शाला भीमसेनदाना में भेजने के लिए सहायक आयुक्त ने सात जनवरी को आदेश जारी किया। इस आदेश के विरुद्ध माया मांडवार ने हाईकोर्ट में रिट पिटीशन दायर की। हाईकोर्ट ने इस आदेश पर 27 जनवरी 2025 को स्थगन आदेश जारी कर दिया। 22 फरवरी को सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग ने माया मांडवार को पुन: कार्यभार ग्रहण करने के लिए आदेश जारी किया। इस दौरान यहां भेजी गई अधीक्षिका सीमा मिश्रा को उनकी मूल शाला में वापस भेजने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किया।
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तभी से एक ही छात्रावास में दो अधीक्षिका कार्यरत हैं। सीमा मिश्रा तामिया ब्लॉक के कुआंबादला में शिक्षिका के रूप में पदस्थ हैं। उनकी मूल शाला में शिक्षिका का पद रिक्त है। जबकि, यहां दो लोग एक ही पद पर कार्य कर रहे हैं। खास बात यह है कि सीमा मिश्रा न्यूटन से ही है। उनका निवास छात्रावास से लगकर ही है। ऐसे में दो अधीक्षिका होने से लगातार विवाद की स्थितियां बन रही हैं। छात्रावास में झूठी शिकायतें, षडयंत्र के मामले सामने आ रहे हैं।
विभाग के अधूरे आदेश ने न्यूटन कन्या छात्रावास को विवादित बना दिया है। इससे अप्रिय स्थितियां सामने आ रही हैं। इस मामले मळे तामिया के प्रभारी बीईओ बलवंत समेर ने कहा कि शिक्षिका सीमा मिश्रा को एसी कार्यालय से व्यवस्थागत जिमेदारी सौंपी गई है। कुआं बादला में उनकी मूल शाला में पद रिक्त है।
वेतन मूल संस्था से आहरित हो रहा है।
बिना काम के वेतन ले रहीं शिक्षिका
शिक्षिका सीमा मिश्रा कुआंबादला स्कूल में पदस्थापना के बाद न्यूटन में अटैच हैं। यहां उनका कोई काम नहीं है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अधीक्षिका की वापसी हो गई है। इसके बाद भी मूल शाला में वापस नहीं भेजे जाने से वे बिना काम का वेतन ले रही हैं।