बालू को छान-छानकर दो दिन में ढूंढा
आयुर्वेदाचार्य डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा ने पातालकोट के आदिवासियों से मदद मांगी। आदिवासियों ने मेहनताना तय कर अंगूठी खोजने की हामी भरी। इसके बाद मनोज विश्वकर्मा और उनके साथियों ने झरने के नीचे की बालू को छान-छानकर दो दिन की कठिन मेहनत के बाद आखिरकार राजकुमारी की बहुमूल्य अंगूठी ढूंढ निकाली।
पांच लाख रुपए का इनाम देना चाहा
अंगूठी मिलने की खुशी में राजकुमारी आदिवासियों को पांच लाख रुपए इनाम में देना चाहती थीं, लेकिन आदिवासियों ने केवल अपनी मेहनत की मजदूरी के रूप में 41 हजार रुपए लेकर अपनी ईमानदारी और मेहमाननवाजी का उदाहरण पेश किया। डॉ. प्रकाश इंडियन टाटा ने बताया कि राजकुमारी को हड्डियों की समस्या थी, जिसका इलाज छिंदवाड़ा में जड़ी-बूटियों के जरिए किया गया था। इलाज के बाद उन्होंने पातालकोट घूमने की इच्छा जताई थी, जहां यह घटना हुई।