scriptछतरपुर में चैक डैम निर्माण में घोटाले की जांच के बावजूद कार्रवाई नहीं, 60 करोड़ के कामों पर सवाल | Patrika News
छतरपुर

छतरपुर में चैक डैम निर्माण में घोटाले की जांच के बावजूद कार्रवाई नहीं, 60 करोड़ के कामों पर सवाल

400 चैक डैमों के निर्माण में भारी अनियमितताओं के आरोप सामने आने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इन चैक डैमों की दो बार जांच करवाई गई, लेकिन न तो जांच रिपोर्ट सार्वजनिक हुई और न ही दोषियों पर कोई कार्रवाई हुई।

छतरपुरApr 28, 2025 / 10:35 am

Dharmendra Singh

check dam

पहली बारिश में बह गए चेक डेम की फाइल फोटो

छतरपुर. जिले में मनरेगा योजना के तहत कोरोना काल में बनाए गए करीब 400 चैक डैमों के निर्माण में भारी अनियमितताओं के आरोप सामने आने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इन चैक डैमों की दो बार जांच करवाई गई, लेकिन न तो जांच रिपोर्ट सार्वजनिक हुई और न ही दोषियों पर कोई कार्रवाई हुई। यह मामला न केवल जनधन की बर्बादी का प्रतीक बन गया है, बल्कि यह प्रशासनिक निष्क्रियता और भ्रष्टाचार की गंभीर तस्वीर भी पेश करता है।

राज्य मंत्री ने बनाई थी जांच समिति


साल 2021 में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के राज्य मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया के निर्देश पर एक जांच समिति गठित की गई थी। इसमें आरईएस के कार्यपालन यंत्री, एसडीओ, उपयंत्री और पूर्व विधायक आरडी प्रजापति को शामिल किया गया था। समिति ने चैक डैमों का परीक्षण कर रिपोर्ट भोपाल भेज दी, लेकिन वह रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है।

जिला पंचायत सीइओ ने दोबारा कराई जांच


इसके बाद जिला पंचायत के तत्कालीन सीईओ अमरबहादुर सिंह ने भी अलग से जांच और क्रॉस वेरिफिकेशन कराया। कुछ जगहों पर अनियमितताएं भी पाई गईं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह रही कि पूरे जिले में बनाए गए चैक डैमों का स्टीमेट लगभग एक जैसा 14.99 लाख रुपए था। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हर भौगोलिक क्षेत्र और आकार में बने डैम की लागत वास्तव में एक जैसी हो सकती है?

स्थल परीक्षण के बिना बनाए कराए निर्माण


लवकुशनगर जनपद में 128, राजनगर में 120, बड़ामलहरा में 70, बिजावर में 45 और छतरपुर में 30 चैक डैमों की स्वीकृति दी गई। इनमें से अधिकांश के लिए जल संसाधन विभाग से तकनीकी अनुमति या स्थल परीक्षण नहीं लिया गया। कई स्थानों पर तो चैक डैम निर्माण ग्राम पंचायतों और जनप्रतिनिधियों की सहमति से ही करवा लिए गए।

शिकायतें भी हुईं


स्थानीय सूत्रों के अनुसार, इन चैक डैमों में 3-4 लाख की लागत से भी काम संभव था, लेकिन सभी का बजट लगभग 15 लाख रुपए फिक्स कर दिया गया। यह सीधे तौर पर बजट की बंदरबांट और कमीशनखोरी की ओर इशारा करता है। शिकायतें भी की गईं। लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष लखनलाल अनुरागी ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखकर इस भ्रष्टाचार का खुलासा किया।

जांच समति ने केवल 27 की बनाई रिपोर्ट


जांच समिति ने केवल 27 चैक डैम की जांच कर रिपोर्ट बनाई जबकि पूरे जिले में 400 से ज्यादा डैम बनाए गए थे। इनमें से अधिकांश डैम या तो बारिश का पानी नहीं रोक पा रहे हैं या गर्मियों में सूख जाते हैं। इससे पहले वर्ष 2006 से 1000 से अधिक स्टॉप डैम और चैक डैम बनाए गए थे, जिनमें से अधिकांश अनुपयोगी साबित हो चुके हैं। जनपद लवकुशनगर के तात्कालीन एई बीके रिछारिया का कहना है कि जहां गड़बड़ी मिली है, वहां कार्रवाई प्रस्तावित की गई। उच्च अधिकारियों के स्तर से कार्रवाई होना है।

Hindi News / Chhatarpur / छतरपुर में चैक डैम निर्माण में घोटाले की जांच के बावजूद कार्रवाई नहीं, 60 करोड़ के कामों पर सवाल

ट्रेंडिंग वीडियो