1. कोविड के बाद तेज़ रिकवरी – भारत ने पर्यटन में सबसे तेज़ रिकवरी दर्ज की। 2. घरेलू यात्रा में ज़बरदस्त वृद्धि – भारतीय यात्रियों ने रिकॉर्ड ₹15.5 ट्रिलियन खर्च किए। 3. अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की वापसी – विदेशियों का खर्च 2025 में ₹3.2 ट्रिलियन तक पहुंचा।
4. पर्यटन का GDP में बड़ा योगदान – सेक्टर ने 6.6% तक जीडीपी में हिस्सा दिया। 5. इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार – एयरपोर्ट, होटल और सड़क कनेक्टिविटी में बड़ा निवेश हुआ। 6. फिल्म और सोशल मीडिया प्रभाव – बॉलीवुड और ट्रैवल व्लॉग्स से भारत को मिला ग्लोबल स्पॉटलाइट।
7. मोदी की ‘अतुल्य भारत’ योजना ने भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान को वैश्विक मंच पर मज़बूती से प्रस्तुत किया है। 8. नीति और निवेश सुधार – सरकार ने निजी और विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया।
9. भारत की वीजा पॉलिसी ने E-Visa जैसी सुविधाओं के जरिए विदेशी पर्यटकों के लिए यात्रा को आसान और तेज़ बना दिया है। 10. भारत की मेडिकल फैसिलिटी ने मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा दिया है, जिससे लाखों विदेशी मरीज इलाज के लिए भारत आ रहे हैं।
भारत के सामने प्रमुख चुनौतियाँ
भले ही भारत पर्यटन के मामले में आगे बढ़ा है, लेकिन WTTC ने कुछ ज़रूरी सुधारों की ओर इशारा किया है: कम निवेश और पर्यटन प्रचार में कमी भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पीछे कर सकते हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर और मार्केटिंग में सुधार की सख्त ज़रूरत है।
WTTC की CEO जूलिया सिम्पसन का बयान
“भारत में वह सब कुछ है जो इसे दुनिया की सबसे आकर्षक यात्रा अर्थव्यवस्थाओं में बना सकता है। लेकिन अब इसे बेहतर ढंग से प्रचारित करने का समय है।”
बेहतर प्रचार और निवेश से भारत को और ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता
बहरहाल भारत की ट्रैवल इंडस्ट्री आगे बढ़ रही है। भारत अब टॉप‑10 टूरिज्म देशों में शामिल हो गया है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रा दोनों क्षेत्रों में तेज़ ग्रोथ देखने को मिल रही है। अगले 10 वर्षों में यह क्षेत्र दोगुना आर्थिक योगदान और लाखों नौकरियाँ दे सकता है। बेहतर प्रचार और निवेश से भारत को और ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है।