मोदी-मस्क की मुलाकात के बाद आया बदलाव
पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी और एलन मस्क की अमेरिका में मुलाकात हुई थी, जिसके बाद टेस्ला के भारत में प्रवेश की चर्चाएं तेज हो गई थीं। सरकार ने भी विदेशी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों के लिए आयात शुल्क में राहत देकर निवेश को आसान बनाया है।
भारत में EV सेक्टर को मिल रही रफ्तार
भारत सरकार ने मार्च 2024 में नीति बदली थी, जिसमें EV कंपनियों को भारत में उत्पादन संयंत्र लगाने के बदले आयात शुल्क 110% से घटाकर 70% कर दिया गया। इस नीति के अनुसार, कंपनियों को कम से कम ₹4,150 करोड़ (लगभग 50 करोड़ डॉलर) का निवेश करना होगा।
भारत टेस्ला के लिए क्यों है आकर्षक बाज़ार ? (Electric vehicles in India)
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक है, लेकिन 2070 तक नेट ज़ीरो का लक्ष्य तय कर चुका है। ध्यान रहे कि EV की मांग तेजी से बढ़ रही है, खासकर युवा और पर्यावरण जागरूक उपभोक्ताओं में इसकी मांग है। टेस्ला के लग्जरी मॉडल्स भारत के अमीर तबके के बीच पहले से लोकप्रिय हैं।
पहले बिक्री, फिर लोकल मैन्युफैक्चरिंग ?
टेस्ला की योजना संभवतः पहले सीधे वाहनों का आयात शुरू करने की है, और बाद में अगर बाज़ार अनुकूल रहा तो भारत में स्थानीय उत्पादन यूनिट (जैसे गीगाफैक्ट्री) की शुरुआत की जाएगी। साथ ही टेस्ला भारतीय सप्लायर्स के साथ पार्टनरशिप भी कर सकती है।
क्या पीएम मोदी होंगे उद्घाटन में शामिल ?
अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि 15 जुलाई को होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा ले सकते हैं। यह टेस्ला की भारत में एंट्री को सरकारी समर्थन की पुष्टि करेगा।
भारतीयों में गजब का उत्साह
भारत में टेस्ला की एंट्री को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने इसे भारत के ईवी फ्यूचर के लिए “गेम चेंजर” बताया है। युवा खासतौर पर टेस्ला की जॉब वैकेंसी को लेकर एक्साइटेड हैं। वहीं, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे बाकी ईवी कंपनियों पर भी दबाव बढ़ेगा।
मार्केट के लिहाज से सुलगते सवाल (Tesla gigafactory plans)
टेस्ला भारत में किस शहर में पहला शोरूम या असेंबली यूनिट शुरू करेगी? एलन मस्क कब भारत दौरे पर आएंगे और क्या वे पीएम मोदी से दोबारा मिलेंगे? भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों की टेस्ला एंट्री पर क्या प्रतिक्रिया है? क्या भारत में गीगाफैक्ट्री के लिए कोई लोकेशन फाइनल हुई है?
ये अछूते पहलू भी चर्चा के विषय
जॉब मार्केट इम्पैक्ट: टेस्ला की भर्तियों से भारत में हाई-स्किल जॉब्स के नए मौके खुल सकते हैं। मैन्युफैक्चरिंग बूम: अगर टेस्ला भारत में फैक्ट्री लगाएगी, तो यह भारत की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बड़ा बूस्ट मिलेगा। ईवी वॉर शुरू? टेस्ला की एंट्री से भारतीय कंपनियों जैसे टाटा, महिंद्रा, और ओला इलेक्ट्रिक के सामने सीधी चुनौती खड़ी हो सकती है।
इनवेस्टर्स की नजर: स्टॉक मार्केट में ऑटो सेक्टर के शेयरों में हलचल देखी जा सकती है।