Wife के साथ Post Office में खुलवाएं यह खाता, सिर्फ 5 साल में मिल जाएगा 4 लाख रुपये ब्याज, जानिए कैसे?
Post Office NSC Return: नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पोस्ट ऑफिस की एक सेविंग स्कीम है। यह सरकार द्वारा समर्थित स्कीम है। यह स्कीम 5 साल में मैच्योर होती है।
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में इस समय 7.7 फीसदी ब्याज दर मिल रही है। (PC: Pexels)
Post Office NSC Return: बहुत बार हमारे पास एकमुश्त रकम आ जाती है। चाहे वह जमीन बेचने से आई हो, बंटवारे में मिली हो, एफडी मैच्योर हुई हो या रिटायरमेंट मनी हो। इस पैसे को आप अगर किसी सुरक्षित जगह निवेश करना चाहते हैं, तो नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट एक अच्छा विकल्प है। यह पोस्ट ऑफिस की स्कीम है। सरकार हर तीन महीने में इसका ब्याज दर तय करती है। सरकार समर्थित स्कीम होने के चलते इसमें गारंटीड रिटर्न मिलता है। किसी भी पोस्ट ऑफिस में KYC पूरी करके और जरूरी डॉक्यूमेंट्स देकर इस स्कीम में खाता खुलवा सकते हैं। आइए इस स्कीम के बारे में विस्तार से जानते हैं।
पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम में सिंगल या जॉइंट खाता खुलवा सकते हैं। जॉइंट अकाउंट में अधिकतम 3 वयस्क हो सकते हैं। नाबालिग व्यक्ति के नाम पर अभिभावक खाता खुलवा सकते हैं। मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्ति के नाम पर भी अभिभावक खाता खुलवा सकते हैं। 10 साल की उम्र पार कर चुका नाबालिग खाता खुलवा सकता है। साथ ही इस स्कीम में कितने भी खाते खुलवाए जा सकते हैं। निवेशक अपने किसी फैमिली मेंबर यहां तक कि नाबालिग को भी इस अकाउंट में नॉमिनी बना सकता है।
Post Office NSC में कितने रुपये करा सकते हैं जमा?
पोस्ट ऑफिस के नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट खाते में न्यूनतम 1000 रुपये जमा करा सकते हैं। वहीं अधिकतम जमा की कोई लिमिट नहीं है। इस स्कीम में निवेश किया गया पैसा इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत टैक्स छूट के योग्य होता है। सेक्शन 80सी के तहत एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक का निवेश टैक्स फ्री रहता है।
कितना मिलता है ब्याज?
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में इस समय 7.7 फीसदी ब्याज दर मिल रही है। यह एक सालाना चक्रवृद्धि ब्याज दर है। ब्याज का भुगतान मैच्योरिटी पर होता है।
बैंकों में गिरवी रखकर ले सकते हैं लोन
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट को आप बैंकों या NBFC में गिरवी रखकर सिक्योर्ड लोन्स भी ले सकते हैं। इससे निवेशक अपनी बचत को बिना नुकसान पहुंचाए जरूरत पड़ने पर लोन भी ले सकते हैं।
मैच्योरिटी अवधि
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट 5 साल में मैच्योर हो जाता है। पहले चार साल सालाना ब्याज रि-इन्वेस्ट होता रहता है। इस ब्याज आय पर टैक्स छूट मिलती है। वहीं, पांचवें साल ब्याज रि-इन्वेस्ट नहीं होता है। इसलिए पांचवें साल का ब्याज टैक्सेबल होता है। मैच्योरिटी पूरी होने पर आपको पूरी रकम मिल जाती है, जिसमें मूलधन और ब्याज शामिल होता है। आमतौर पर इस खाते को मैच्योरिटी से पहले बंद नहीं कराया जा सकता है। निवेशक की मौत होने या कोर्ट के आदेश जैसे असाधारण मामलों में ही खाता मैच्योरिटी से पहले बंद होता है।
इस तरह पाएं 5 साल में 4 लाख रुपये ब्याज
अगर पति-पत्नी दोनों नौकरीपेशा हैं, तो साथ मिलकर अपनी सेविंग्स इस स्कीम में लगा सकते हैं। दोनों साथ मिलकर इस स्कीम में जॉइंट अकाउंट खोलें और 9 लाख रुपये एकमुश्त निवेश करें, तो सिर्फ 5 साल में ही 4 लाख रुपये से अधिक का ब्याज मिल जाएगा। इस निवेश में मैच्योरिटी पर कुल 13,04,130 रुपये मिलेंगे। इसमें से 4,04,130 रुपये ब्याज आय होगी।
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