योजना में किये गए कई बदलाव
पहले पायलट चरण में अपेक्षा के अनुरूप भागीदारी नहीं मिली थी, जिसके बाद योजना में कई बदलाव किए गए हैं, ताकि छात्रों और कंपनियों की भागीदारी बढ़ाई जा सके। अब यह योजना साल भर लागू रहेगी, जिससे छात्र अपनी सुविधा के अनुसार इंटर्नशिप कर सकेंगे। साथ ही स्थानीय स्तर पर इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जाएंगे, ताकि छोटे शहरों और गांवों के छात्र भी इससे लाभ उठा सकें।
45,000 रुपए तक मिला स्टाइपेंड
योजना के पहले चरण में 60,000 से ज्यादा उम्मीदवारों को 82,000 से ज्यादा इंटर्नशिप के प्रस्ताव दिए गए थे। इनमें से 28,000 ने इंटर्नशिप के प्रस्ताव स्वीकार किए और 8,700 उम्मीदवार ही इंटर्नशिप में शामिल हुए। पहले पायलट चरण में कई इंटर्न्स को 40,000 से 45,000 रुपए तक का स्टाइपेंड भी मिला। वहीं, औसत स्टाइपेंड 15,000 रुपये रहा।
पहले चरण में दिखी लेटलतीफी
पीएम इंटर्नशिप योजना के पहले चरण में आवेदन करने के 45 दिन के अंदर इंटर्न्स को हायर करने की योजना थी, पर कई कंपनियां इस डेडलाइन को पूरा नहीं कर पाईं। 22 अप्रेल को ही इसका रजिस्ट्रेशन खत्म हो गया था, लेकिन कंपनियां अभी तक हायरिंग कर रही हैं। हालांकि, छात्रों को मिलने वाला मासिक स्टाइपेंड उम्मीद से अधिक रहा। पहले चरण में इंटर्न्स को औसतन 15,000 रुपए का स्टाइपेंड मिला, जबकि सरकार ने 5000 रुपए का वादा किया था। कंपनियों का कहना है कि इतनी कम राशि में छात्रों को आकर्षित करना मुश्किल है। सरकार ने इस योजना के लिए 10,831 करोड़ का बजट आवंटित किया है।