क्या है एपीएआर प्रोसेस?
हर साल अधिकारियों को प्रमोशन वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (APAR) के जरिए दिया जाता है। रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे SPARROW पोर्टल पर अधिकारियों को दिखाया जाता है। मौजूदा नियमों के तहत अधिकारी चाहे तो 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट की प्रविष्टियों या अंतिम ग्रेडिंग पर आपत्ति दर्ज कर सकते हैं। यह प्रावधान कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग (DoP\&T) के आदेश से लागू है।
समस्या कहां आ रही?
रेलवे बोर्ड ने पाया कि कई अधिकारी रिपोर्ट खुलने के बाद न तो उसे देखते हैं और न ही समय रहते कोई कदम उठाते हैं। जिससे एपीएआर खुद बंद हो जाता है और अधिकारी अपनी आपत्ति दर्ज करने का मौका खो देते हैं। कई मामलों में अधिकारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपत्ति भेजते हैं, जिसे पोर्टल स्वीकार नहीं करता।
क्या है नई व्यवस्था
साल 2024-25 से SPARROW पोर्टल में एक नई सुविधा जोड़ी गई है। इसके तहत रिपोर्ट खुलते ही 15 दिन तक ही आपत्ति दर्ज करने का विकल्प सक्रिय रहेगा। समयसीमा बीतने पर सिस्टम खुद ब खुद यह विकल्प बंद कर देगा। अधिकारी ने रिपोर्ट देखी हो या न देखी हो, देर से की गई आपत्ति स्वीकार नहीं होगी।
क्या करना होगा अधिकारियों को?
अधिकारी अपने एपीएआर की स्थिति नियमित रूप से ट्रैक करें। यह सुविधा SPARROW पोर्टल पर User Assistance-Track your PAR टैब में उपलब्ध है। रिपोर्ट खुलने के बाद अगर असहमति हो तो 15 दिन में पोर्टल पर ही प्रतिनिधित्व दर्ज करें। पोर्टल से जुड़े एसएमएस और ईमेल अलर्ट ध्यान से देखें। अगर अलर्ट नहीं मिल रहे हैं तो संबंधित एपीएआर कस्टोडियन से अपने मोबाइल/ईमेल अपडेट कराएं।
देर से की गई आपत्ति का क्या होगा?
रेलवे बोर्ड ने साफ कहा है कि 15 दिन के बाद मिलने वाली आपत्तियों को टाइम बार माना जाएगा। ऐसी आपत्तियों को पोर्टल पर नहीं लिया जाएगा, बल्कि उन्हें बोर्ड के आदेशों के अनुसार मैन्युअली निपटाया जाएगा।