JRD Tata Birth Anniversary: जब जेआरडी टाटा ने कपड़ों में भर लिये थे अखबार… काफी दिलचस्प हैं भारत के पहले पायलट से जुड़े ये किस्से
JRD Tata Birth Anniversary: भारत के पहले पायलट जेआरडी टाटा की आज 121वीं बर्थ एनिवर्सरी है। उन्होंने टाटा ग्रुप में टाटा मोटर्स, टाटा सॉल्ट, टाटा ग्लोबल बेवरेजिस और टाइटन जैसी 14 नई कंपनियां शुरू की थीं।
जेआरडी टाटा की आज 121वीं बर्थ एनिवर्सरी है। (PC: Tata Group)
JRD Tata Birth Anniversary: टीसीएस, टाटा मोटर्स, टाइटन इंडस्ट्रीज, वोल्टास और एयर इंडिया के फाउंडर जेआरडी टाटा को कौन नहीं जानता। भारत के दिग्गज उद्योगपति और एक शानदार व्यक्तित्व। जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा की आज 121वीं बर्थ एनिवर्सरी है। जेआरडी के पास भारत और फ्रांस दोनों देशों की सिटीजनशिप थी। उन्हें फादर ऑफ इंडियन एविएशन के रूप में भी जाना जाता है। देश को उन्होंने पहली एयरलाइन दी थी। यही नहीं, वे ऐसे पहले भारतीय थे, जिन्हें पायलट का सर्टिफिकेट मिला था। जेआरडी टाटा से जुड़े कई किस्से काफी फेमस हैं।
रतन दादाभाई टाटा और सुजैन ब्रियरे की दूसरी संतान जेआरडी का अधिकतर बचपन फ्रांस में बीता था। सुजैन ब्रियरे भारत में कार चलाने वाली पहली महिला थीं। जेआरडी को हवा में उड़ना पसंद था। एयरक्राफ्ट में उनकी जबरदस्त दिलचस्पी थी। 15 साल की उम्र में ही उन्होंने पायलट बनने की ठान ली थी। भारत में पहली बार जेआरडी टाटा को ही पायलट का लाइसेंस दिया गया था।
50 गुना बढ़ गई टाटा ग्रुप की ग्रोथ
जेआरडी टाटा सबसे अधिक समय तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे। उन्होंने ग्रुप में टाटा मोटर्स, टाटा सॉल्ट, टाटा ग्लोबल बेवरेजिस और टाइटन जैसी 14 नई कंपनियां शुरू की थीं। जेआरडी टाटा के रहते टाटा ग्रुप का बाजार पूंजीकरण 10 करोड़ डॉलर से बढ़कर 500 करोड़ डॉलर पर जा पहुंचा था। इस तरह टाटा ग्रुप की ग्रोथ 50 गुना तक बढ़ गई थी।
जब कपड़ों में भर लिया था अखबार
जेआरडी टाटा एक बार दिसंबर के महीने में दार्जिलिंग गए थे। उन्हें यह अंदाजा नहीं था कि वहां कितनी अधिक ठंड हो सकती है। उन्होंने कंचनजंगा की चोटियों को करीब से देखने का फैसला लिया। टाटा घोड़े पर सवार होकर टोंगल और संदकफू की 2 दिन की ट्रिप पर चले गए। अब वहां इतनी ज्यादा ठंड थी कि पूरी रात चूल्हे में लकड़ी जलाकर बितानी पड़ी। इसके बावजूद ठंड कम नहीं हो रही थी। ऐसे में जेआरडी टाटा ने अपने कपड़ों में अखबार की तह भर ली, जिससे खुद को गर्म रख सकें।
जब सुधा मूर्ति ने लिखा टाटा को खत..
इन्फोसिस फाउंडेशन की चेयरमैन और नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा मूर्ति ने कई मौकों पर जेआरडी टाटा से जुड़ा किस्सा सुनाया है। यह किस्सा ऐसा है, जिसमें सुधा मूर्ति जेआरडी टाटा से नाराज होकर उन्हें एक लेटर लिखती हैं। इसके बाद यह लेटर टाटा ग्रुप में एक बड़े बदलाव की वजह बनता है। सुधा मूर्ति यह भी कहती रही हैं कि जेआरडी टाटा बहुत हैंडसम दिखते थे। दरअसल, टाटा ग्रुप की कंपनी टेल्को ने पुणे और जमशेदपुर में इंजीनियर की वैकेंसी निकाली थी। इस वैकेंसी में नीचे लिखा था, ‘लेडीज स्टूडेंट्स नीड नोट अप्लाई’। सुधा मूर्ति ने उस समय बीई किया हुआ था। वह वैकेंसी के साथ यह डिस्क्लेमर देखकर काफी नाराज हो गई और जेआरडी टाटा को एक खत लिख डाला।
खत में लिखी यह बात
उन्होंने लेटर में लिखा, ”सर जेआरडी टाटा, जब देश आजाद नहीं था, तब आपका ग्रुप शुरू हुआ था। आपका ग्रुप केमिकल, लोकोमोटिव और आयरन एंड स्टील इंडस्ट्री में काम करता था। आप हमेशा समय से आगे की सोचते थे और समाज में महिला और पुरुष दोनों बराबर होते हैं। महिलाओं को अगर आप चांस नहीं दे रहे हैं, तो आप महिलाओं की सेवाओं से वंचित रह रहे हैं। कभी महिलाओं को एजुकेशन नहीं है। कभी उनको जॉब अपॉर्च्यूनिटी नहीं है। तो ऐसा कंट्री और ऐसा समाज कभी ऊपर नहीं आता है।”
टाटा ग्रुप में टूटी पुरानी परंपरा
इस लेटर के बाद सुधा मूर्ति को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इंटरव्यू में फिर मूर्ति ने पूछा- ‘वाई आर यू नोट टेकिंग वुमन?’ इस पर उनसे कहा गया, ”बेटा प्लीज अंडरस्टेंड, हमारा एक प्लांट जमशेदपुर में है और एक प्लांट पुणे में है। अभी तक एक भी लड़की ने जॉइन नहीं किया है। वहां शिफ्ट में काम होता है। मर्दों के साथ काम करना होता है और आप अकेले होते हैं। नहीं तो आप आरएंडडी या फिर पीएचडी में बराबर काम कर सकते हैं।” इस पर सुधा मूर्ति ने कहा, ”मेरे नानाजी कहते हैं कि 10 हजार कदमों की यात्रा हमेशा एक कदम से शुरू होती है। अगर आप ऐसे ही सोचते रहेंगे तो इस दुनिया में कभी भी लड़कियां आगे नहीं आ पाएंगी। एक ना एक दिन तो उन्हें आगे आना ही होगा और आपको यह शुरू करना चाहिए।” इसके बाद सुधा मूर्ति को जॉब मिल गई और टाटा ग्रुप के प्लांट्स में महिला इंजीनियरों की भी भर्ती होने लगी।
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