टाइगर रिजर्व क्षेत्र में इन दिनों भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक आधुनिक तकनीक से वन्यजीवों के सर्वे कार्य में जुटे हुए हैं। कोर क्षेत्र के जंगलों का सर्वे पूरा हो चुका है तथा इन दोनों बफर जोन में भोपतपुरा रेंज के भीमलत, मुंडेड़, सुंठी, सीता कुंड आदि वन क्षेत्रों में सर्वे किया जा रहा है। हालांकि अभी तक प्रादेशिक वन क्षेत्र के बफर जोन में वन्यजीवों का सर्वे शुरू नहीं हुआ है। जिसमें कलदां जैसे सघन वन क्षेत्र शामिल हैं। उम्मीद है इन क्षेत्रों में भी वन्यजीवों का सर्वे होने से जिले में वन्यजीवों की संख्या के आंकड़ों में वृद्धि होगी।
टाइगर रिजर्व क्षेत्र के कोर 1 क्षेत्र में गत वर्ष किए गए शाकाहारी वन्यजीवों के सर्वे की रिपोर्ट में नीलगायों व जंगली सुअरों की संख्या सर्वाधिक रेकॉर्ड की गई है। भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा जारी डेनसिटी रिपोर्ट में प्रति वर्ग किलोमीटर 25 नीलगायें व 8 जंगली सूअर मौजूद थे। हालांकि रिपोर्ट में सांभर व चीतल का घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर लगभग एक ही आया है। जिसके नए सर्वे में बढ़ने की उम्मीद है। शाकाहारी वन्यजीवों की सघनता रिपोर्ट के आधार पर ही टाइगर रिजर्व में अन्य राज्यों से बाघों की शिफ्टिंग हो सकेगी।
रामगढ़ विषधरी व मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में शाकाहारी वन्यजीवों की सघनता का सर्वे चल रहा है और प्रयास है कि जल्दी ही अन्य राज्यों से दोनों टाइगर रिजर्व में बाघों की शिफ्टिंग हो।
सुगनाराम जाट, फील्ड डायरेक्टर रामगढ़ व मुकुंदरा टाइगर रिजर्व, बूंदी