जानकारी अनुसार माटूंदा निवासी शांति देवी पत्नी चर्तूभुज को एक जुलाई की शाम को मुंह में खून आने पर भर्ती करवाया गया था। शांति देवी पूर्व से ही कैंसर रोग से ग्रसित थी। बुधवार देर रात को चिकित्सालय की करीब एक घंटे तक आपूर्ति ठप रही। मृतका के दामाद विष्णु का आरोप है कि बिजली बंद होने से वार्ड में ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई और शांति बाई को समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पाई ऐसे में उसकी तड़प तड़प कर मौत हो गई।
विद्युत गुल होने पर उन्होंने कई बार वार्ड स्टाफ से जनरेटर चालू करने या अन्य वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कही, लेकिन उनकी किसी ने भी नहीं सुनी। वहीं जनरेटर खराब होने की जानकारी सामने आई। महिला की मौत होने पर वार्ड में मौजूद अन्य महिला रोगी व उनके परिजन भी सकते में आ गए। नाराज परिजनों ने अस्पताल परिसर में हंगामा किया। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। परिजन मृतका का बिना पोस्टमार्टम करवाए ही शव ले गए।
अस्पताल प्रशासन ने नकारे आरोप
यह बात सही है कि बिजली गुल हुई थी। अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई का बिजली गुल होने से कोई संबंध नहीं है। ऑक्सीजन सप्लाई हमेशा चालू रहती है। उस दौरान अन्य मरीजों को भी ऑक्सीजन दी जा रही थी। किसी अन्य को कोई समस्या नहीं आई। मृतका कैंसर पीडि़ता थीं और उनका उपचार पहले से चल रहा था। संभवतया रक्त की कमी से उसकी मौत हुई है। परिजनों द्वारा लगाए गए आरोप निराधार है।
डॉ. एन. एल. मीणा, प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, जिला अस्पताल, बूंदी