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मेरी बस अभियान से सुधारेंगे रोडवेज की दशा, कार्मिकों को निभानी होगी जिम्मेदारी

रोडवेज बेडे को सुधारने की दिशा में मुख्यालय ने पहल शुरू की है, जिसके अन्तर्गत अब प्रतिदिन यात्रियों को अच्छी सुविधा मिले इसके साथ ही बसों की देखरेख व इनकी दशा सुधार के लिए मेरी बस, मेरी जिम्मेदारी अभियान शुरू किया है, जिसके तहत प्रतिदिन बसों का निरीक्षण होगा।

बूंदीJun 02, 2025 / 11:54 am

Narendra Agarwal

मेरी बस अभियान से सुधारेंगे रोडवेज की दशा, कार्मिकों को निभानी होगी जिम्मेदारी

बूंदी बस स्टैण्ड

बूंदी. रोडवेज बेडे को सुधारने की दिशा में मुख्यालय ने पहल शुरू की है, जिसके अन्तर्गत अब प्रतिदिन यात्रियों को अच्छी सुविधा मिले इसके साथ ही बसों की देखरेख व इनकी दशा सुधार के लिए मेरी बस, मेरी जिम्मेदारी अभियान शुरू किया है, जिसके तहत प्रतिदिन बसों का निरीक्षण होगा। यात्रियों की शिकायत दूर करने व उनका सफर आसान करने के लिए रोडवेज कर्मचारी बसों की निगरानी रखेंगे। इसके लिए अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है। रोडवेज के मिस्त्रियों को प्रभारी बना कर देखेरख व रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सहायक कर्मचारियों को प्रभारी का दायित्व दिया है। एक प्रभारी के पास तीन-तीन बसों की जिम्मेदारी रहेगी। यह नई जिम्मेदारी प्रणाली यात्रियों की सुविधा और बसों की स्थिति सुधारने के लिए होगा, जिससे परिवहन व्यवस्था और अधिक सुरक्षित, विश्वसनीय और आरामदायक बनेगी और रोडवेज की आय भी बढऩे की उम्मीद है। बूंदी डिपो से वर्तमान में 48 बसें संचालित हो रही है। इस संबंध में रोडवेज प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा ने आदेश जारी इसकी पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
तो होगी अनुशासन कार्रवाई
बसों, सूचना पट्ट पर प्रभारी, पर्यवेक्षकों के संपर्क नंबर दर्ज किए जाएंगे। इससे यात्रियों को किसी भी आपात स्थिति में तुरंत संपर्क करने का अवसर मिलेगा। मुख्यालय ने 15 जून तक कुल वाहनों का कम से कम 50 प्रतिशत कार्य पूरा करने के निर्देश दिए है। यदि किसी बस में कोई कमी पाई जाती हैं तो संबंधित कर्मचारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। अभियान का संचालन प्रबंधक करेंगे और हर 15 दिन में प्रगति रिपोर्ट मुख्यालय भेजेंगे।
बसों के हर उपकरण की होगी जांच
अभियान के तहत बसों के नियमित निरीक्षण, उचित रखरखाव और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अंतर्गत निगम की सभी बसों का भौतिक और यांत्रिक निरीक्षण किया जाएगा। इसमें बॉडी, इलेक्ट्रिक सिस्टम, सुरक्षा उपकरण, सीट, टायर, डीजल की औसत खपत, सफाई, शीशे, ङ्क्षवडो लॉक, हेड लाइट््स, पैनिक बटन, फस्र्ट एड एड बॉक्स आदि की जांच की जाएगी।।
हर प्रभारी को तीन बसों की जिम्मेदारी
प्रत्येक डिपो में कार्यरत मैकेनिकों को बसों का सामान रूप से आवंटन कर उन्हें प्रभारी नियुक्त किया जाएगा। इसमें हर प्रभारी को 3 बसों की जिम्मेदारी दी जाएगी। बस प्रभारियों की निगरानी के लिए कनिष्ठ एवं वरिष्ठ सहायकों के साथ-साथ सहायक या अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारियों को पर्यवेक्षक नियुक्त किया जाएगा।
यंू बांटा 48 बसों का जिम्मा
बूंदी आगार में वर्तमान में 48 बसों का संचालन किया जा रहा है। अभियान को लेकर हर बस पर कार्मिक नियुक्त किया गया है। बूंदी आगार में 16 मैकेनिकों में कुल 48 बसों को बांटा गया है तथा इन मैकेनिकों के ऊपर ऑफिस के आठ अधिकारी व कर्मचारियों को लगाया गया है, जिसमें प्रत्येक अधिकारी के पास दो मैकेनिक होंगे,जो गाडिय़ों का काम देखेंगे।
मुख्यालय के निर्देशानुसार मेरी बस मेरी जिम्मेदारी योजना के अंतर्गत आगार में उपलब्ध समस्त बसों का तकनीकी व बॉडी और इलेक्ट्रिक कार्य आदि करवाने के लिए मैकेनिकों एवं ऑफिस के क्लर्क व अधिकारियों में बसों का वितरण किया गया है, ताकि गाडिय़ों का काम देखरेख अच्छे से हो सके व यात्रियों को अच्छी सुविधा मिल सके। ,
घनश्याम गौड़, मुख्य प्रबंधक,बूंदी डिपो

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