जानकारी अनुसार करीब दो वर्ष पहले गोठड़ा बांध की सुरक्षा दीवार जल संसाधन विभाग द्वारा बनाई गई थी। उसके बाद दीवार निर्माण कार्य में रही तकनीकी चुक, निर्माण कार्य में संवेदक द्वारा बरती गई लापरवाही सहित कई बिंदुओं को लेकर जल संसाधन विभाग की ओर से करवाई गई उच्च स्तरीय जांच समिति की सिफारिश के बाद जल संसाधन विभाग ने संवेदक को सीधे सीधे दोषी माना है।
गारंटी अवधि में निर्माण कार्य होने से जल संसाधन विभाग ने संवेदक से गोठड़ा बांध की निर्मित पानी की ओर झुकी दीवार को हटाकर वापस पुनर्निर्माण करवाने के निर्देश दिए हैं, जिस पर संवेदक ने लापरवाही को मानते हुए स्वयं के खर्च से गोठड़ा बांध की सुरक्षा दीवार को वापस बनाया जा रहा है। पूर्व में जांच समिति द्वारा गोठड़ा बांध का निरीक्षण किया गया था। समिति ने संवेदक एवं अभियंताओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने के संकेत दिए थे। वहीं गोठड़ा बांध की सुरक्षा दीवार निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग में लगे कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता को जांच समिति की सिफारिश पर जिम्मेदारी तय करने के लिए चार्जशीट दी जाएगी।
यूं होगा कार्य
गोठड़ा बांध की सुरक्षा दीवार निर्माण कार्य में रही चुक को लेकर जल संसाधन विभाग सतर्क होकर निर्माण कार्य करवा रहा है। पहले निर्माण कार्य में रही तकनीकी गलतियों को देखते हुए अब नये सिरे से दीवार का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। सहायक अभियंता प्रदीप कसाना ने बताया कि जांच समिति द्वारा की गई सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए कार्य करवा रहे हैं। जांच समिति ने ऊपर से एक मीटर ऊंची झुकी दीवार को हटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन विभाग ने कई स्थानों से दो मीटर तक या इससे अधिक ऊंची झुकी दीवार को हटाया जा रहा है।
]इसमें पानी की ओर झुकी सुरक्षा दीवार आरडी 220 से 310 या इस के बाद भी झुकी हुई प्रतीत होने पर ऊपर की ओर से करीब एक मीटर एवं जहां दीवार अधिक झुकी हुई प्रतीत होने पर एक से दो मीटर ऊपरी हिस्से को हटाया गया है। दीवार हटाकर तकनीकी सहायता से सीसीवॉल तैयार करवाई जा रही है। दीवार गारंटी पीरियड में होने से विभाग की ओर से किसी प्रकार की राशि स्वीकृत नहीं की है। संवेदक अपने खर्चे पर करवाएगा।
इनका कहना है
गोठड़ा बांध बड़ा होने से सुरक्षा दीवार निर्माण कार्य में रही चुक के कारण दीवार पानी की ओर झुकी हुई थी, जिसे लेकर जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत से कहकर उच्च स्तरीय जांच करवाई गई थी। जिसमें ठेकेदार द्वारा निर्धारित मापदंडों को नजरंदाज कर निर्माण कार्य करवाने से राजकोष पर भार पड़ा। जिम्मेदार अभियंताओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई के लिए राज्य सरकार से कहेंगे।
डॉ. प्रभुलाल सैनी, प्रदेश उपाध्यक्ष भाजपा।
उच्च स्तरीय जांच समिति की सिफारिशों पर गोठड़ा बांध की पानी की ओर झुकी सुरक्षा दीवार को हटाकर वापस बनाया जा रहा है। पुराने संवेदक ने गलती स्वीकार की है। कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियंता, अधिशासी अभियंता द्वारा जिम्मेदारी से काम नहीं करने पर चार्जशीट देने की तैयारी है।
सुनील गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, जल संसाधन विभाग कोटा।