शहर के नजदीक हाइवे पर टनल के पास बनने वाले नगर वन में बिलायती बबूलों को हटाकर सुंदर जंगल विकसित किया जाएगा। यहां तार फेंसिंग, पाथवे, बोरिंग मय सोलर पंप, गॉर्ड चौकी, प्राकृतिक झोपड़ियां, सुविधाएं व फलदार व छायादार पेड़ पौधे लगाए जाएंगे। गौरतलब है कि कोटा से जयपुर जाते समय टनल के दोनों तरफ यात्रियों का ध्यान जाता है जहां विलायती बबूलों का जंगल दिखता है। अब यहां नगर वन विकसित किए जाने की योजना से उमीद जताई जा रही है कि यह क्षेत्र अब यहां से गुजरने वाले राहगीरों को भी आकर्षित करेगा।
राजस्थान सहित देशभर में इन दोनों नगर वन (ऑक्सीजोन) विकसित किए जा रहे हैं। राजस्थान में 40 जगहों पर नगर वन विकसित करने पर कार्य किया जा रहा है। प्रथम चरण के 13 शहरों में स्वीकृत 22 नगर वनों का कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा 18 नगर वन के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे गए हैं। पहले शहर के 5 किलोमीटर के दायरे में ही नगर वन विकसित करने की शर्त रखी थी। जिसे केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 10 किलोमीटर कर दिया है।
देशभर में करीब 400 शहरों में नगर वन विकसित होंगे। नगर वन में जैव विविधता पार्क, स्मृति वन, तितली संरक्षण केंद्र और हर्बल गार्डन जैसे घटक शामिल होंगे। राष्ट्रीय प्रतिपूरक वनरोपण प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण के कोष की वित्तीय सहायता से वर्ष 2027 तक देशभर में 1 हजार से ज्यादा नगर वन विकसित किए जाएंगे। इन नगर वनों को पूर्ण रूप से प्राकृतिक वातावरण के रूप में विकसित करने की योजना है और गिट्टी सीमेंट का काम नहीं होगा।
बूंदी शहर में टनल के पास 18 हेक्टेयर वन भूमि पर नगर वन विकसित करने के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं। जिससे शहर के नजदीक एक नया प्राकृतिक ऑक्सीजॉन मिल सकेगा।
देवेंद्र सिंह भाटी, उपवन संरक्षक, बूंदी