सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो भी संगठन इस काम में बाधा डालेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस आदेश के बाद जिला प्रशासन के सामने यह चुनौती खड़ी हो गई है कि इनको (श्वानों) को शिफ्ट कहां करें, क्योंकि जिले में अभी तक एक भी शेल्टर होम नहीं है।
सामान्य अस्पताल में प्रतिदिन 10 से 15 केस श्वानों के काटने के केस पहुंच रहे हैं। इसमें बच्चे से लेकर महिला-पुरुष शामिल है। हालांकि अस्पताल के अलावा यहां पशु चिकित्सालय में भी एन्टी रेबीज वैक्सीन लगाई जाती है। निजी अस्पतालों में भी केस आ रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार कई लोग इंजेक्शन आदि नहीं लगवाते, जिसके चलते रेबीज का खतरा बढ़ रहा है।
धर्मेद्र मीणा, कार्यवाहक आयुक्त,नगर परिषद,बूंदी पशु चिकित्सालय में श्वानों के काटने पर एंटीरेबीज वैक्सीन लगाई जाती है।
डॉ. रामलाल मीणा,संयुक्त निदेशक, पशु चिकित्सालय,बूंदी