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डेढ़ साल में 5 हजार लोगों पर हमला कर चुके श्वान, गत वर्ष हुई थी बालक की मौत

श्वानों का दिन पर दिनशहर सहित अन्य स्थानों पर खौफ बढ़ता जा रहा है। जिले में हर दिन डॉग बाइट की घटनाओं के बाद भी प्रशासन इसको गंभीरता से नहीं ले रहा है। जिले में बीते डेढ़ सालों में 4 हजार 878 मामले श्वानों के काटने के मामले सामने आ चुके है।

बूंदीAug 14, 2025 / 11:30 am

Narendra Agarwal

डेढ़ साल में 5 हजार लोगों पर हमला कर चुके श्वान, गत वर्ष हुई थी बालक की मौत

गली में घूमते श्वान

बूंदी. श्वानों का दिन पर दिनशहर सहित अन्य स्थानों पर खौफ बढ़ता जा रहा है। जिले में हर दिन डॉग बाइट की घटनाओं के बाद भी प्रशासन इसको गंभीरता से नहीं ले रहा है। जिले में बीते डेढ़ सालों में 4 हजार 878 मामले श्वानों के काटने के मामले सामने आ चुके है। जबकि वर्ष 2025 जुलाई माह तक 1 हजार 979 लोगों पर हमला कर श्वान अस्पताल पहुंचा चुके है। 2024 में 2 हजार 899 मामले सामने आए है। बूंदी के सदर थाना क्षेत्र के तिखाबाड़ा में 9 जुलाई 2023 को विचलित करने वाली घटना ने सभी को झंकझोर दिया। श्वानों के झुंड ने एक 12 वर्षीय मांगीलाल को सुबह छह बजे के करीब खेत पर जाने के दौरान हमला कर नोंच-नोंचकर घायल कर दिया।
इस हमले के बाद मासूम बच्चे की उपचार के दौरान ही मौत हो गई। लोगों का कहना है कि छोटी काशी की सडक़ों व गली-मोहल्लों में दर्जनों आवारा श्वानों का कब्जा है। प्रशासन को सबसे पहले शेल्टर होम के लिए जमीन मुहैया करानी होगी। नगर परिषद के साथ पशुपालन विभाग को ऐसे मामले में गंभीरता लेनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली समेत पूरे एनसीआर के सभी आवारा श्वानों (कुत्तों) को रिहायशी इलाकों से दूर शेल्टर होम (आश्रय गृह) में शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में पालतू व आवारा मिलाकर करीब 21 हजार 509 श्वान है।
प्रशासन के सामने चुनौती
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो भी संगठन इस काम में बाधा डालेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इस आदेश के बाद जिला प्रशासन के सामने यह चुनौती खड़ी हो गई है कि इनको (श्वानों) को शिफ्ट कहां करें, क्योंकि जिले में अभी तक एक भी शेल्टर होम नहीं है।
प्रतिदिन आ रहे केस अस्पताल में
सामान्य अस्पताल में प्रतिदिन 10 से 15 केस श्वानों के काटने के केस पहुंच रहे हैं। इसमें बच्चे से लेकर महिला-पुरुष शामिल है। हालांकि अस्पताल के अलावा यहां पशु चिकित्सालय में भी एन्टी रेबीज वैक्सीन लगाई जाती है। निजी अस्पतालों में भी केस आ रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार कई लोग इंजेक्शन आदि नहीं लगवाते, जिसके चलते रेबीज का खतरा बढ़ रहा है।
श्वानों (कुत्तों) की नसंबदी कराने के लिए टेंंडर निकाले हुए है। इनको पकडऩे के बाद इनकी नसंबदी कराई जाएगी। वहीं शेल्टर होम के लिए जमीन तलाशी जा रही है।
धर्मेद्र मीणा, कार्यवाहक आयुक्त,नगर परिषद,बूंदी

पशु चिकित्सालय में श्वानों के काटने पर एंटीरेबीज वैक्सीन लगाई जाती है।
डॉ. रामलाल मीणा,संयुक्त निदेशक, पशु चिकित्सालय,बूंदी

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