बरड़ क्षेत्र में राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डाबी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर लाम्बाखोह है। इन दोनों केन्द्रों पर डाबी, लाम्बाखोह, राजपुरा, बुधपुरा, गोपालपुरा, सुतड़ा, धनेश्वर, खड़ीपुर, गणेशपुरा पंचायतों के लोग इलाज के लिए निर्भर हैं। यहां
सबसे बड़ी समस्या महिला चिकित्सक का नहीं होना है।सालाना एक हजार से अधिक प्रसव होने के बावजूद महिलाओं को मजबूरन कोटा, बूंदी या बिजौलिया दूर जाकर इलाज कराना पड़ता है। आपात स्थिति में तो जान पर बन आती है।
बरड़ क्षेत्र के 9 हजार उपभोक्ताओं को मीटर खराब होने, बिल सुधार, नया कनेक्शन या ट्रांसफार्मर लाने जैसे कामों के लिए बीस से तीस किलोमीटर दूर तालेड़ा जाना पड़ता है। क्षेत्र में सहायक अभियंता कार्यालय नहीं होने से ग्रामीण परेशान हैं।
बरड़ क्षेत्र के स्कूलों में अध्यापकों की भारी कमी है। वर्षों से बूंदी के लिए रोडवेज की बस सेवा नहीं शुरू हुई। मजबूरन लोगों को डाबी से कोटा, फि र कोटा से बूंदी जाना पड़ता है। इस अतिरिक्त सफ र में 2 घंटे से अधिक समय और अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ता है।
सेण्ड स्टोन व्यापार से हर वर्ष करोड़ों रुपए टैक्स सरकार को चुकाया जाता है। इसके बावजूद यहां न तो सेण्ड स्टोन पार्क है और न ही रीको इंडस्ट्रीज जैसी सुविधाएं। डीएमएफटी फंड का भी कोई ठोस उपयोग नहीं दिख रहा।
कुल जनसंख्या : 98,000
अधिकृत खनन लीज : 639
रोजगार : 30,000 लोग
सेण्ड स्टोन निर्यात : 24 देशों में
सिलिकोसिस मरीज : 714 (2024 तक) सडक़ दूरी
डाबी से बूंदी : 65 किमी
डाबी से कोटा : 45 किमी
डाबी से बिजौलिया : 25 किमी
बरुंधन होकर बूंदी : 55 किमी
विद्युत उपभोक्ता : 9,000
बिजली कार्यालय : तालेड़ा (20-30 किमी दूर)
बूंदी सेण्ड स्टोन माइंस ऑनर विकास समिति के सचिव अशोक जैन ने सरकार से बरड़ क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार को चाहिए कि वह सेण्ड स्टोन पार्क, रीको इंडस्ट्रीज, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, सडक़ व परिवहन और बिजली कार्यालय की स्थापना जैसे कार्य शीघ्र करें।