scriptबरड़ क्षेत्र सरकार को 250 करोड़ टैक्स दे रहा, फिर भी विकास को तरस रहा | Patrika News
बूंदी

बरड़ क्षेत्र सरकार को 250 करोड़ टैक्स दे रहा, फिर भी विकास को तरस रहा

बूंदी जिले का बरड़ क्षेत्र अपनी सेण्ड स्टोन खदानों और निर्यात के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, यह आज भी मूलभूत सुविधाओं और विकास की राह देख रहा है। यहां के लोगों की पीड़ा है कि हर वर्ष करोड़ों रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने के बावजूद यह क्षेत्र बदहाल है।

बूंदीApr 23, 2025 / 11:59 am

Narendra Agarwal

बरड़ क्षेत्र सरकार को 250 करोड़ टैक्स दे रहा, फिर भी विकास को तरस रहा

डाबी बरड़ क्षेत्रस्थित भवानीपुरा में खनन क्षेत्र।

बूंदी.डाबी. बूंदी जिले का बरड़ क्षेत्र अपनी सेण्ड स्टोन खदानों और निर्यात के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, यह आज भी मूलभूत सुविधाओं और विकास की राह देख रहा है। यहां के लोगों की पीड़ा है कि हर वर्ष करोड़ों रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने के बावजूद यह क्षेत्र बदहाल है।
खनन क्षेत्र होने के कारण यह सिलिकोसिस जैसी घातक बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। अभी तक यहां 714 सिलिकोसिस मरीज चिन्हित हो चुके हैं। इस बीमारी के कारण ग्राम पंचायत बुधपुरा की कई महिलाएं विधवा हो चुकी हैं। वर्ष 2024 में 49 चिकित्सा शिविरों में 4842 मरीजों की स्क्रीङ्क्षनग की गई, जिनमें 7 नए मरीज चिन्हित हुए। इससे पहले 2023 में 47, 2022 में 128 और 2021 में 96 मरीज चिन्हित किए गए। इस क्षेत्र में मोबाइल मेडिकल यूनिट वर्षों से शोपीस बनी खड़ी है।
स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली
बरड़ क्षेत्र में राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र डाबी, आयुष्मान आरोग्य मंदिर लाम्बाखोह है। इन दोनों केन्द्रों पर डाबी, लाम्बाखोह, राजपुरा, बुधपुरा, गोपालपुरा, सुतड़ा, धनेश्वर, खड़ीपुर, गणेशपुरा पंचायतों के लोग इलाज के लिए निर्भर हैं। यहां
सबसे बड़ी समस्या महिला चिकित्सक का नहीं होना है।सालाना एक हजार से अधिक प्रसव होने के बावजूद महिलाओं को मजबूरन कोटा, बूंदी या बिजौलिया दूर जाकर इलाज कराना पड़ता है। आपात स्थिति में तो जान पर बन आती है।
बिजली के लिए तालेड़ा दौड़
बरड़ क्षेत्र के 9 हजार उपभोक्ताओं को मीटर खराब होने, बिल सुधार, नया कनेक्शन या ट्रांसफार्मर लाने जैसे कामों के लिए बीस से तीस किलोमीटर दूर तालेड़ा जाना पड़ता है। क्षेत्र में सहायक अभियंता कार्यालय नहीं होने से ग्रामीण परेशान हैं।
शिक्षा व बस सेवा की कमी
बरड़ क्षेत्र के स्कूलों में अध्यापकों की भारी कमी है। वर्षों से बूंदी के लिए रोडवेज की बस सेवा नहीं शुरू हुई। मजबूरन लोगों को डाबी से कोटा, फि र कोटा से बूंदी जाना पड़ता है। इस अतिरिक्त सफ र में 2 घंटे से अधिक समय और अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ता है।
व्यापार से करोड़ों सुविधाएं जीरो
सेण्ड स्टोन व्यापार से हर वर्ष करोड़ों रुपए टैक्स सरकार को चुकाया जाता है। इसके बावजूद यहां न तो सेण्ड स्टोन पार्क है और न ही रीको इंडस्ट्रीज जैसी सुविधाएं। डीएमएफटी फंड का भी कोई ठोस उपयोग नहीं दिख रहा।
फैक्ट फाइल : बरड़ क्षेत्र
कुल जनसंख्या : 98,000
अधिकृत खनन लीज : 639
रोजगार : 30,000 लोग
सेण्ड स्टोन निर्यात : 24 देशों में
सिलिकोसिस मरीज : 714 (2024 तक)

सडक़ दूरी
डाबी से बूंदी : 65 किमी
डाबी से कोटा : 45 किमी
डाबी से बिजौलिया : 25 किमी
बरुंधन होकर बूंदी : 55 किमी
विद्युत उपभोक्ता : 9,000
बिजली कार्यालय : तालेड़ा (20-30 किमी दूर)
मूलभूत सुविधाओं पर ध्यान दें
बूंदी सेण्ड स्टोन माइंस ऑनर विकास समिति के सचिव अशोक जैन ने सरकार से बरड़ क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान देने की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार को चाहिए कि वह सेण्ड स्टोन पार्क, रीको इंडस्ट्रीज, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, सडक़ व परिवहन और बिजली कार्यालय की स्थापना जैसे कार्य शीघ्र करें।

Hindi News / Bundi / बरड़ क्षेत्र सरकार को 250 करोड़ टैक्स दे रहा, फिर भी विकास को तरस रहा

ट्रेंडिंग वीडियो