राजस्थान के इन शिक्षकों और प्रिंसिपल पर होगी 17 CCA की कार्रवाई, चेतावनी के साथ मिलेंगे ट्रांसफर ऑर्डर
Govt Teacher: सरकारी स्कूलों के परिणाम कम रहने पर शिक्षा विभाग करेगा 17 CCA की कार्रवाई करेगा और चेतावनी के साथ प्रिंसिपल और शिक्षकों को ट्रांसफर ऑर्डर भी मिल सकते हैं।
Rajasthan Education Department: राजस्थान के सरकारी स्कूलों में नामांकन वृद्धि के साथ बोर्ड परीक्षा परिणाम में सुधार के लिए शिक्षा विभाग अब गंभीर हो गया है। शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के संस्था प्रधानों व शिक्षकों के बोर्ड परीक्षा परिणामों की समीक्षा के नए मानदंड तय किए है, जिसमें कक्षा 5, 8, 10 और 12वीं बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम के साथ नामांकन वृद्धि पर संस्था प्रधान व शिक्षकों का गणतंत्र दिवस पर सम्मान तो कमजोर परिणाम पर 17 सीसीए व तबादले की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक आशीष मोदी ने नए मानदंडों के साथ समीक्षा की समय सारिणी जारी इस पर अमल करने के लिए कहा है। संस्था प्रधान व शिक्षकों के परिणाम की समीक्षा 30 जुलाई तक होगी। 10 अगस्त तक आरोप पत्र जारी कर 25 अगस्त तक जवाब प्राप्त किए जाएंगे। इसी तरह आगे की पूरी कार्यवाही 30 नवंबर तक की जाएगी। इधर, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि विभाग ने विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ावा देने एवं जवाबदेही तय करने के उद्देश्य से यह नवीन मानदंड तय किए हैं।
ई ग्रेड परिणाम पर होगी कार्रवाई
आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि कक्षा 10 वीं व 12 वीं बोर्ड का परीक्षा परिणाम 90 फीसदी या अधिक तथा कक्षा 5 वीं व आठवीं में 90 फीसदी या अधिक विद्यार्थियों के ए ग्रेड मिलने पर संस्था प्रधान के परिणाम को श्रेष्ठ मानते हुए गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जाएगा। इसी तरह 12वीं का परिणाम 60 प्रतिशत या उससे कम, 10 वीं का 50 फीसदी या उससे कम और कक्षा 8 व 5वीं के परिणाम में 50 फीसदी या ज्यादा विद्यार्थियों के ई ग्रेड आने पर परिणाम न्यून मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
पहले चेतावनी, फिर स्थान परिवर्तन कार्रवाई
संस्था प्रधान व शिक्षक का पिछले पांच वर्षो में परीक्षा परिणाम एक बार मानदंड से कम रहने पर लिखित चेतावनी दी जाएगी और तबादला किया जा सकेगा। लगातार दो वर्षों या पिछले पांच में से किसी तीन वर्षों में कमजोर परिणाम पर 17 सीसीए की कार्रवाई की जाएगी। हालांकि कार्यवाहक सहित कुछ मामलों में मानदंड में 50 फीसदी की छूट होगी।
परिणाम श्रेष्ठ माना जाएगा
कक्षा 12 व 10 में पढ़ाए गए विषय का परिणाम 90 प्रतिशत या उससे अधिक रहने पर तथा कक्षा 8 व 5 में विषय के परिणाम में 95 प्रतिशत या इससे अधिक विद्यार्थी ए ग्रेड पाने पर सभी कक्षाओं के समेकित परिणाम के आधार पर शिक्षकों का परिणाम श्रेष्ठ माना जाएगा। जबकि विषय का 12वीं में 70 व 10वीं में 60 प्रतिशत या उससे कम परिणाम तथा 8वीं व 5वीं में 40 प्रतिशत या उससे ज्यादा विद्यार्थियों के ई ग्रेड होने पर परिणाम कमजोर मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने संस्था प्रधान व विषय शिक्षकों के श्रेष्ठ परिणाम में 10 नामांकन वृद्धि की शर्त भी जोड़ी है। यदि स्कूल में 10 विद्यार्थी नहीं जोड़े तो बाकी मानदंड पूरे करने पर भी श्रेष्ठ परिणाम का सम्मान नहीं दिया जाएगा। किसी एक बोर्ड परीक्षा में परिणाम न्यून होने पर भी प्रमाण पत्र नहीं दिया जाएगा।
ऐसे तय होगा परिणाम
परिणाम तय करने के लिए मापदंड निर्धारित है। उदाहरण के रूप में समझे तो कक्षा 12वीं में 60 में से 54, 10वीं में 50 में से 43 विद्यार्थी, 8वीं में 35 में से 33 और 5वीं में 30 में से 29 विद्यार्थी सफल हुए हैं या ए ग्रेड प्राप्त करते हैं, तो कुल 159 सफल विद्यार्थियों के आधार पर 175 विद्यार्थियों पर यह प्रतिशत 90.85 फीसदी होगा, जो श्रेष्ठ परीक्षा परिणाम की श्रेणी में आएगा।