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दो रास्ते लेकिन एक मंजिल, जानिए बॉलीवुड के 2 दिग्गज कलाकार टॉम ऑल्टर-अमरीश पुरी की सफरनामा

Birthday Special: कलाकार नहीं, कला की परिभाषा थे टॉम ऑल्टर और अमरीश पुरी। बर्थडे स्पेशल में जानिए जुनून से जन्मे कलाकार प्रेरणादायक कहानी।

मुंबईJun 22, 2025 / 06:12 am

Saurabh Mall

Tom Alter-Amrish Puri Birthday

बर्थडे स्पेशल: टॉम ऑल्टर और अमरीश पुरी

Tom Alter-Amrish Puri Birthday: जब एक्टिंग किसी का जुनून बन जाए और कला को पूजा की तरह माना जाए, तब टॉम ऑल्टर और अमरीश पुरी जैसे कलाकार सामने आते हैं। इन दोनों ने अलग-अलग रास्तों से अपनी शुरुआत की, लेकिन मंज़िल एक ही थी और वो दर्शकों के दिलों में अपनी छाप छोड़ना।
टॉम ऑल्टर का जन्म 22 जून 1950 को मसूरी (उत्तराखंड) में हुआ था, जबकि अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1932 को पंजाब के नवांशहर में हुआ था। दोनों की जन्मतिथि 22 जून है, लेकिन उनके किरदारों और अदायगी की गहराई उन्हें खास बनाती है।
अमरीश पुरी को ज़्यादातर लोगों ने ‘मिस्टर इंडिया’ के मोगैम्बो, ‘गदर’ के मेजर अशरफ अली और ‘नगीना’ के भैरोनाथ जैसे दमदार विलेन के रोल में देखा। उनकी आवाज़ और स्क्रीन प्रेजेंस ही काफी थी किसी भी सीन को यादगार बनाने के लिए।
टॉम ऑल्टर को दर्शकों ने अक्सर अंग्रेज अफसर, बुजुर्ग गाइड या उर्दू बोलने वाले विद्वान किरदारों में देखा। वे न सिर्फ एक बेहतरीन अभिनेता थे, बल्कि उर्दू भाषा के गहरे जानकार भी थे।

एक बात जो दोनों में समान थी — वो ये कि दोनों ने अपने अभिनय की शुरुआत थिएटर से की थी। मंच पर सीखी गई बारीकियों को उन्होंने फिल्मों में भी शानदार तरीके से उतारा।
इसके अलावा, दोनों की दमदार आवाज और डायलॉग डिलीवरी का अलग अंदाज फैंस को काफी पसंद था। अमरीश पुरी की कड़क, गूंजती हुई भारी आवाज किसी भी सीन में रौब जमा देती थी, वहीं टॉम ऑल्टर की शांत और साफ बोलने की स्टाइल लोगों को गहराई से छू जाती थी। दोनों ही भारतीय संस्कृति से जुड़े हुए थे। टॉम ऑल्टर हिंदी और उर्दू के अच्छे जानकार थे, उन्होंने कई किताबें भी लिखीं थीं। अमरीश पुरी भी फिल्मों के बाहर सामाजिक और सांस्कृतिक कामों में दिलचस्पी रखते थे। मेहनत, सादगी और अभिनय के प्रति लगन दोनों अभिनेताओं को एक जैसा बनाती है।

टॉम ऑल्टर का फ़िल्मी सफर

बात करें अगर उनके करियर की तो, टॉम ऑल्टर ने बंगाली, आसामी, गुजराती, तेलुगू और तमिल भाषा समेत 300 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1976 में रामानंद सागर की फिल्म ‘चरस’ से की थी। इसके बाद उन्होंने ‘परवरिश’ और ‘हम किसी से कम नहीं’ जैसी फिल्मों में काम किया और ‘अमर अकबर एंथनी’ में अभिनेता जीवन के लिए डबिंग भी की। उन्होंने फिल्मकार सत्यजीत रे की ‘शतरंज के खिलाड़ी’ और ‘सरदार’ जैसी कई बड़ी फिल्मों में दमदार किरदार निभाया।
वहीं टीवी पर ‘शक्तिमान’, ‘जबान संभाल के’, और ‘यहां के हम सिकंदर’ जैसे शो में नजर आए। उन्होंने थिएटर में ‘गालिब इन दिल्’ली’ और ‘मौलाना’ जैसे यादगार नाटकों में जान फूंकी। वह लेखक और पत्रकार भी थे और क्रिकेट को काफी पसंद करते थे। उन्होंने सचिन तेंदुलकर का पहला वीडियो इंटरव्यू भी लिया था। टॉम ऑल्टर ने अपने अभिनय, बोलने के अंदाज़ और गहरी सोच से हमेशा लोगों का दिल जीता।

450 से ज्यादा फिल्मों में अमरीश पुरी ने किया काम

अमरीश पुरी ने 1967 से 2005 के बीच 450 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। खास बात यह है कि उन्होंने ज्यादातर हिट फिल्में दीं, लेकिन उनकी सफलता आसान नहीं थी। फिल्मों में आने से पहले उन्होंने सरकारी नौकरी की और थिएटर से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की। अमरीश पुरी को असली पहचान 1980 में आई फिल्म ‘हम पांच’ से मिली, जिसमें उन्होंने पहली बार खलनायक का रोल निभाया था। इसके बाद वह ‘विधाता’, ‘हीरो’, ‘मिस्टर इंडिया’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में खलनायक बने, जो आज भी लोगों को याद हैं। उन्होंने हॉलीवुड फिल्म ‘इंडियाना जोन्स’ में भी काम किया।
1990 के बाद उन्होंने कई पॉजिटिव किरदार भी किए, जैसे ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘विरासत’, और ‘चाइना गेट’ में। उनकी एक्टिंग इतनी दमदार थी कि वे चाहे पॉजिटिव किरदार निभाएं या नेगेटिव रोल, वे हर किरदार में जान डाल देते थे।

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