कोर्ट में जमा करनी होगी 1 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट
कोर्ट ने कहा है कि उन्हें 1 लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडीआर) कोर्ट में जमा करनी होगी। इसके साथ ही, उन्हें अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी देना होगा जो यात्रा के दौरान हमेशा चालू रहने चाहिए। इसके अलावा, कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को निर्देश दिया है कि राजपाल यादव का पासपोर्ट जो पहले जमा किया गया था, उसे यात्रा के लिए लौटाया जाए। लेकिन भारत लौटने के बाद पासपोर्ट दोबारा अदालत में जमा करना जरूरी होगा।
जानें क्या है चेक बाउंस मामला?
साल 2010 में राजपाल यादव ने अपनी फिल्म ‘अता-पता लापता’ बनाने के लिए 5 करोड़ रुपये का लोन लिया था। लेकिन वे यह पैसा समय पर वापस नहीं कर पाए। इसी वजह से उनके और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ चेक बाउंस से जुड़ी सात अलग-अलग शिकायतें दर्ज की गईं। जब कोर्ट ने उन्हें कई बार समन और नोटिस भेजे, तब भी वे पेश नहीं हुए। इसके बाद, 2013 में कड़कड़डूमा कोर्ट ने उन्हें 10 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। उन्होंने 3 से 6 दिसंबर 2013 तक चार दिन जेल में बिताए। इसके बाद जून 2024 में कोर्ट ने यह मानते हुए उनकी सजा पर रोक लगा दी थी कि वे कोई गंभीर अपराधी नहीं हैं और उनके मामले में सुधार और समाधान की गुंजाइश है। कोर्ट ने दोनों पक्षों को आपसी समझौते की संभावनाएं तलाशने का सुझाव दिया था, जो वर्तमान में दिल्ली हाईकोर्ट के मेडिएशन सेंटर में विचाराधीन है।