न्यायपालिका को पारदर्शी बनाने और त्वरित एवं पेपरलेस न्याय प्रणाली की दिशा में हाईकोर्ट द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। इसी संदर्भ में यह नई सुविधा शुरू की गई है, जिससे मामलों से जुड़ी मेडिकल रिपोर्ट और साक्ष्य बिना देर के वर्चुअली प्रस्तुत हो सकेंगे। साथ ही जिला एवं सत्र न्यायालय रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और बेमेतरा में डिजिटाइजेशन एवं स्कैनिंग सेंटर भी शुरू किया गया है।
पूरे राज्य के न्यायालयों का डिजिटाइजेशन भी पूरा
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस सुविधा का वर्चुअल उदघाटन करते हुए कहा कि शेष चार जिला एवं सत्र न्यायालय रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा और बेमेतरा में डिजिटाइजेशन केन्द्र प्रारंभ होने के साथ पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में डिजिटलीकरण केंद्र का कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रसन्नता व्यक्त करते हुये उन्होंने कहा कि, छत्तीसगढ़ राज्य के न्यायिक प्रणाली के इतिहास में यह महत्वपूर्ण दिन है। इसके साथ ही राज्य के 23 जिला न्यायालयों से जिला अस्पतालों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्रारंभ होने से चिकित्सा क्षेत्र के उन सभी व्यक्तियों के लिए सुविधा होगी, जिन्हें अदालत की कार्यवाही में भाग लेना होता है। अब उन्हें गवाही देने या ट्रायल कोर्ट में उपस्थित रहने के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़कर अपना बयान दर्ज करा सकेंगे।
ई-कोर्ट मिशन में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्यों में शामिल
उल्लेखनीय है कि चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा द्वारा पद भार ग्रहण करने के बाद से ही न्यायालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर, वर्चुअल और डिजिटल प्रणाली लागू करने कार्य किया जा रहा है। आपराधिक मामलों के लिए ई-समंस बहुत महत्वपूर्ण सुविधा है, अदालतों द्वारा समंस तामिली के लिए कई बार तारीखें निर्धारित की जाती हैं। अब ई-समंस के माध्यम से समंस की सेवा अधिक सरल और प्रभावी हो जाएगी। इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के साथ
छत्तीसगढ़ देश में ई-कोर्ट मिशन मे अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।