छबि यादव ने कट्टे से फायर कर दिया, जिससे गोली गिरजा शंकर के पैर में जा लगी। घायल को तत्काल एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। हालांकि पुलिस ने इसे एक्सीडेंटल
फायरिंग बताया है और किसी विवाद से इनकार किया है, लेकिन क्षेत्र में लगातार हो रही इस तरह की घटनाएं रेत माफियाओं की बढ़ती दबंगई और प्रशासन की नाकामी को उजागर कर रही हैं।
सवाल: जंगल में पिस्तौल कहां से आईं, घायल कर रहा गुमराह, पुलिस बता रही एक्सीडेंटल फायरिंग
एडिशनल एसपी राजेंद्र जायसवाल के अनुसार घायल गिरजाशंकर यादव उर्फ दीपक से पूछताछ करने पर उसने पुलिस को बताया कि 5 मई की शाम करीब 6 बजे वह अपने दोस्त दीपक रजक के साथ गांव में ही घूम रहा था। गांव में ही दीनू भोई की दुकान के पास दोनों को उनका दोस्त छबि यादव मिला। बातचीत के दौरान छबि ने अपने दोस्तों को एक पिस्तौल दिखाई।
बताया कि उसे यह जंगल में मिली है। यह गिरजाशंकर और दीपक रजक को नकली लगी। बातों ही बातों में छबि के हाथ से ही दुर्घटनावश पिस्तौल का ट्रिगर दब गया और गोली गिरजाशंकर के बाएं पैर पर लगी। घायल गिरजाशंकर वर्तमान में खतरे से बाहर है। पुलिस ने छबि यादव की निशानदेही पर पिस्टल को बरामद कर लिया गया है। पुलिस मामले में जांच कर रही है कि छबि यादव के पास पिस्तौल कहां से आई। इसकी बारीकी से जांच की जा रही है।