अयोध्या नगर निवासी सुरेश मिश्रा (62) रोज की तरह शुक्रवार सुबह भी घूमने के लिए परसदा-जोंकी रोड स्थित अपनी बहन के फॉर्महाउस पहुंचे थे। लेकिन जब दोपहर 12 बजे तक वे घर नहीं लौटे, तो परिजनों ने मोबाइल पर संपर्क किया, जो बंद मिला। इसके बाद उनके बेटे अंशुल मिश्रा फॉर्महाउस पहुंचे तो देखा कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद है।
खिड़की से झांककर देखने पर सुरेश मिश्रा की लाश पंखे से फंदे पर लटकती मिली। परिजन की सूचना पर मृतक के डेढ़ साले किशोर तिवारी ने सकरी थाने में इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा काट कर शव बाहर निकाला और पंचनामा कार्रवाई के बाद शव को सिम्स मर्चुरी में भिजवा दिया। देर शाम होने के कारण पोस्टमार्टम नहीं हो सका।
सुसाइड नोट में खुद को बेगुनाह बता दो लोगोंको बताया आरोपी
पुलिस के अनुसार, घटनास्थल पर मृतक के पास से दो
सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसमें एक में सुरेश ने खुद सस्पेंशन से बहाली को लेकर लिखा गया है। जबकि दूसरे में स्वयं को बेगुनाह बताते हुए एक कोटवार व एक अन्य व्यक्ति का नाम लिखा गया है। पुलिस इन पत्रों को भी जांच में लिया है।
24 जून को हुए थे निलंबित
सुरेश मिश्रा वर्तमान में निलंबन के दौरान गनियारी उप-तहसील के भाड़म गांव में पदस्थ थे। तखतपुर एसडीएम ने उन्हें 24 जून को निलंबित करते हुए कानूनगो शाखा में अटैच किया था। उन पर ग्राम ढेंका (बिलासपुर) में राष्ट्रीय राजमार्ग-130ए (बिलासपुर-उरगा) के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण में खसरा, नक्शा बटांकन और मुआवजा वितरण में गंभीर गड़बड़ी करने का आरोप था।
जांच में जुटी पुलिस
सकरी थाना प्रभारी प्रदीप आर्य ने बताया कि पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और सभी पहलुओं से जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में आत्महत्या के पीछे निलंबन और मानसिक तनाव को संभावित कारण माना जा रहा है।