कोर्ट ने इस मामले में लगाई गई आधा दर्जन याचिकाएं खारिज कर दी हैं। केस की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस एके प्रसाद की बेंच में हुई। ज्ञात हो कि स्कूल शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल को प्राचार्य पदोन्नति की सूची जारी की थी, जिस पर
हाईकोर्ट ने 1 मई को रोक लगा दी थी।
राज्य शासन के पक्ष में आया डिवीजन बेंच का फैसला
डिवीजन बेंच में जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस एके प्रसाद ने सभी पक्षों को सुनने के बाद निर्णय दिया कि प्राचार्य पदोन्नति के लिए राज्य शासन द्वारा निर्धारित मापदंड और प्रक्रिया उचित हैं। कोर्ट ने आधा दर्जन शिक्षकों की याचिकाओं को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया कि शासन की नीति में कोई कानूनी त्रुटि नहीं है।
पदस्थापना प्रक्रिया अटकी
डिवीजन बेंच से याचिकाएं खारिज होने के बाद शासन ने टी संवर्ग के उन 1475 शिक्षकों की प्राचार्य पद पर पदस्थापना प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है, जिन्हें प्रमोशन मिलना है, लेकिन नारायण प्रकाश तिवारी की याचिका सिंगल बेंच में लंबित रहने के कारण यह प्रक्रिया फिलहाल अटकी हुई है।