लंबित प्रकरणों की संख्या बढ़ती जा रही
तहसीलदारों व नायब तहसीलदारों के इस अनिश्चितकालीन हड़ताल से जिले के सातों तहसीलों में 3118 प्रकरण लंबित है। रोज तहसील कार्यालय में 15 से 20 लोग विभागीय काम से आ रहे हैं लेकिन उन्हें बैरंग लौटना पड़ता है। रोज लंबित प्रकरणों की संख्या बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर तहसीलदार और नायब तहसीलदारों का कहना है कि हमारी मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।Snakebite : सोने से पहले बिस्तर पूरी तरह देखें, कहीं सांप तो नहीं है
31 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
पहले तीन दिन सांकेतिक हड़ताल थी। शासन के साथ कोई चर्चा नहीं हुई तो 31 जुलाई से तहसीलदार समेत नायब तहसीलदार 17 सूत्रीय मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए। इस कारण तहसील कार्यालयों में काम ठप है।पहले दी थी तारीख, इसलिए आए कार्यालय
हड़ताल की वजह से लोग भटक रहे हैं। जब हड़ताल शुरू नहीं हुई थी, तब कई मामलों में सुनवाई के लिए पहले से ही समय दे दिया गया था। विभागीय कार्यालय से लोगों को समय पर सूचना नहीं मिली। यही वजह है कि लोग तहसील कार्यालय पहुंचने लगे। राजस्व व अन्य कार्य से संबंधित तीन हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं। हालांकि राजस्व संबंधित कार्य के लिए आवेदन करने के साथ पेशी की तारीख जानने के लिए गिने-चुने पक्षकार एवं वकील कार्यालय पहुंचते रहे।पूर्व सीएम भूपेश के मां के नाम से बने पार्क में बिजली चोरी और कैंटीन संचालन
तूता में दिया था राज्य स्तरीय धरना
राजस्व निरीक्षक, पटवारियों की पदस्थापना सहित 17 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले नवा रायपुर के तूता में राज्यस्तरीय धरना दिया गया। इससे पहले जिला और संभाग स्तरीय धरना दिया जा चुका है।यह हैं प्रमुख मांगें
तहसीलों में कंप्यूटर ऑपरेटर, चपरासी, डब्लूबीएन, केजीओ नायब नाजिर, माल जमादार, भृत्य, वाहन चालक, राजस्व निरीक्षक एवं पटवारियों की पदस्थापना की जाए। तहसीलों को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित समय-सीमा की बाध्यता से मुक्त किया जाए। तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति दी जाए।जिले के तहसीलों में कितने लंबित आवेदन
तहसील – लंबित प्रकरणबालोद – 310
गुरुर – 750
गुंडरदेही – 885
देवरी – 321
अर्जुंदा – 456
डौंडीलोहारा – 140
डौंडी – 250
नोट – आंकड़े तहसीलदार व अतिरिक्त व नायब तहसीलदार कार्यालय के मुताबिक।