केंद्र सरकार की इस पहल के बाद आभूषण विक्रेता को अब
चांदी की शुद्धता की गारंटी भी देनी होगी। इससे उपभोक्ताओं को शुद्ध उत्पाद मिलेगा। हालांकि, यह नियम शुरुआती दौर में स्वैच्छिक रहेगा, यानी ग्राहक चाहें तो हॉलमार्क वाली पायल, चेन, अंगूठी, बिछिया आदि खरीद सकेंगे। या बिना हॉलमार्क वाली ज्वेलरी का चुनाव भी कर सकते हैं।
यह होगी प्रक्रिया
हॉलमार्किंग सोने की ज्वेलरी की तरह ही होगी। 6 अंकों के यूनिक कोड यानी एचयूआईडी से पता चलेगा गहना किस शुद्धता का है। बीआईएस केयर एप पर जाकर वेरीफाई एचयूआइडी से चेक किया जा सकेगा कि गहना पर डाला गया नंबर असली है या नकली।
चांदी के होंगे 6 नए हॉलमार्क
भारतीय मानक ब्यूरो ने चांदी की शुद्धता के लिए 6 स्टैंडर्ड मानक तैयार किए हैं। यह कोड बीआईएस की प्रमाणिक लैब से लगेगा। इससे पता चलेगा चांदी कितनी फीसदी शुद्ध है। इसमें 900, 800, 835, 925, 970 और 990 का स्तर शामिल हैं। - 925 नंबर: यानी चांदी 92.5 प्रतिशत शुद्ध है। इस चांदी को स्टर्लिंग सिल्वर भी कहते हैं। अक्सर इसी चांदी से गहने बनते हैं।
- 900 नंबर: चांदी के गहने पर 900 नंबर लिखा है तो वह 90 फीसदी शुद्ध है। इससे गहने और सिक्के बनते हैं।
- 835 नंबर: चांदी की शुद्धता 83.5 फीसदी की गारंटी होती है।
- 800 नंबर: यदि गहने पर 800 नंबर लिखा है तो चांदी 80 फीसदी शुद्ध है। उसमें तांबे जैसी वस्तुओं का मिश्रण 20 फीसदी होता है।
- 990 नंबर: चांदी के गहने पर 990 नंबर लिखने का मतलब चांदी 99 फीसदी शुद्ध है। इसे फाइन सिल्वर भी कहते हैं। हालांकि, यह इतनी नरम होती है कि इससे गहने बहुत कम बनते हैं।
- 970 नंबर: चांदी के गहने पर 970 नंबर लिखा है तो गहना 97 फीसदी शुद्ध है। ऐसी चांदी का इस्तेमाल गहने और बर्तन बनाने में किया जाता है।