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बिलासपुर

10 साल बाद भी शहर में RTO सिटी सेंटर नहीं, 13 किमी दूर जाने की मजबूरी, प्रशासन का वादा अधूरा…

RTO Office in CG: बिलासपुर जिले में साल 2013-14 में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) को शहर से लगभग 13 किलोमीटर दूर ग्राम लगरा शिट किया गया था।

बिलासपुरAug 14, 2025 / 03:48 pm

Shradha Jaiswal

10 साल बाद भी शहर में RTO सिटी सेंटर नहीं, 13 किमी दूर जाने की मजबूरी, प्रशासन का वादा अधूरा…(PHOTO-PATRIKA)

RTO Office in CG: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में साल 2013-14 में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) को शहर से लगभग 13 किलोमीटर दूर ग्राम लगरा शिट किया गया था। तब प्रशासन ने शहरवासियों को भरोसा दिलाया था कि जल्द ही शहर के बीचोबीच एक आरटीओ सिटी सेंटर खोला जाएगा, ताकि ड्राइविंग लाइसेंस, नामांतरण, परमिट शुल्क और अन्य जरूरी काम यहीं निपट सकें। लेकिन एक दशक गुजर जाने के बाद भी यह वादा अधूरा है। नतीजतन लोग अब भी परिवहन से जुड़े छोटे-छोटे कामों के लिए पूरा दिन लगरा में खपाने को मजबूर हैं।

RTO Office in CG: शहर को नहीं मिला आरटीओ सिटी सेंटर

आरटीओ से जुड़े किसी भी काम लाइसेंस नवीनीकरण, नामांतरण, परमिट शुल्क या फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए हर दिन सैकड़ों लोगों को लगरा जाना पड़ रहा है। एक ओर यात्रा में लगने वाला समय और दूसरी ओर ऑफिस में कागजी प्रक्रिया के इंतजार में पूरा दिन निकल जाता है। इससे खासकर नौकरीपेशा, बुजुर्ग और महिलाएं सबसे ज्यादा परेशान हैं।
हालांकि शहर के मंगला चौक में परिवहन सुविधा केंद्र जरूर खोला गया है, लेकिन वहां सिर्फ लर्निंग लाइसेंस का ऑनलाइन आवेदन ही होता है। यह काम पहले से ही चॉइस सेंटरों के जरिए हो रहा था। ऐसे में यह केंद्र लोगों की असल समस्या हल करने के बजाय केवल एक औपचारिकता बनकर रह गई है।

सिटी सेंटर से मिल सकती है राहत

अगर सिटी आरटीओ सेंटर खुलता है, तो सभी परिवहन संबंधी छिटपुट काम शहर में ही निपट जाएंगे। इससे लोगों को समय, पैसे और मेहनत तीनों में बचत होगी। एक ही दिन में दस्तावेज तैयार हो जाएंगे और बार-बार लगरा का सफर करने से भी मुक्ति मिलेगी।
छोटे काम के लिए भी लगरा जाने की जरूरत खत्म

समय और किराए की बचत

बुजुर्गों व महिलाओं को होगी आसानी

कारोबार और नौकरी पर नहीं पड़ेगा असर

शहर में ही एक जगह सभी सुविधाएं मिलने लगेंगी

दशक बाद भी अधूरा वादा

शहर से ग्रामीण क्षेत्र में आरटीओ कार्यालय ले जाकर शिटिंग करना वैसे ही गलत था, उस पर शिटिंग के दौरान विभाग की ओर से यह आश्वासन दिया गया था कि जल्द सिटी सेंटर खोला जाएगा। दस साल बाद भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इससे शहरवासियों को बेहद परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है।
सिटी सेंटर खुलने से कम से कम स्थानीय स्तर पर ही ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस, नए वाहनों का रजिस्ट्रेशन, नाम ट्रांसफर सहित अन्य छिटपुट काम हो सकते हैं। विभाग के अधिकारियों से आग्रह के बाद भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

आरटीओ दतर में कतार, पूरा दिन बर्बाद

शहरवासी जानकीकरण मिश्रा का कहना है कि आरटीओ कार्यालय लगरा शिट करने के दौरान विभाग की ओर से यह आश्वासन दिया गया था कि जल्द सिटी के अंदर आरटीओ सिटी सेंटर स्थापित किया जाएगा, दस साल बाद भी इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। इसे टालना शहरवासियों के साथ अन्याय है। टालना जनता के साथ अन्याय है।
हेतराम कर्ष का कहना है कि छोटा सा लाइसेंस नवीनीकरण कराने के लिए पूरा दिन बर्बाद हो जाता है। ऐसे में लोगों का काम प्रभावित होता है। धन्नू साहू का कहना है कि नौकरीपेशा में हूं, कोई काम कराने छुट्टी लेकर लगरा जाना पड़ता है, वरना काम पूरे नहीं होते। सिटी सेंटर खुलना बेहद जरूरी है।

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