इधर इलाज कराने आए मरीज बाहर चेयर में बैठकर उनका इंजतार कर रहे थे। हालात यह थे कि 9.35 तक गायनी, शिशु रोग, डेंटल समेत विभागों के डॉक्टर गायब थे। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इन डॉक्टरों को कई नोटिस थमना जा चुका है। यहातक कड़ी फटकार भी लगाई गई है। इसके बावजूद डॉक्टर सुधरने का नाम नहीं ले रहे है।
3 दिन विलंब आने पर एक सीएल कम
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता ने बताया कि विलंब आने वाले डॉक्टरों को पूर्व में नोटिस दिया जा चुका है। लगातार 3 दिन विलंब से आने वाले डॉक्टर का एक सीएल कम किया जा रहा है। इसके बावजूद वह नहीं सुधरते है, तो उनका वेतन काटा जाएगा।
मातृ-शिशु अस्पताल सुबह 10 बजे तक डॉक्टर नदारद
जिला अस्पताल परिसर में भी मातृ-शिशु अस्पताल भी है। यहा का हाल तो सबसे बुरा है। गुरुवार की सुबह 10 बजे तक एक भी डॉक्टर अस्पताल नहीं पहुंचा था। वहीं ओपीडी के बाहर गर्भवती महिलाएं उपचार के लिए इंतजार कर रही थीं।
मरीजों से धन उगाही के भी कई आरोप
एक तरफ डॉक्टर समय पर नहीं आते है। दूसरी तरफ उपचार के लिए मरीजों से रुपए लेने का आरोप भी उनपर लगता रहता है। खासकर गर्भवती महिलाओं का ऑपरेशन करने के लिए रुपए लेना आम बात हो गई है। जिसकी शिकायत भी प्रबंधन से की गई थी।