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बिलासपुर

नाबालिग से गैंगरेप- हत्या के दोषियों की फांसी बदली उम्रकैद में… हाईकोर्ट ने कहा- मृत्युदंड देना उचित नहीं

CG News: बिलासपुर जिले में हाईकोर्ट ने गैंगरेप और तिहरे हत्या के मामले के पांच दोषियों की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है।

बिलासपुरJun 19, 2025 / 09:15 am

Shradha Jaiswal

नाबालिग से गैंगरेप- हत्या के दोषियों की फांसी बदली उम्रकैद में... हाईकोर्ट ने कहा- मृत्युदंड देना उचित नहीं(photo-unsplash)

नाबालिग से गैंगरेप- हत्या के दोषियों की फांसी बदली उम्रकैद में… हाईकोर्ट ने कहा- मृत्युदंड देना उचित नहीं(photo-unsplash)

CG News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में हाईकोर्ट ने गैंगरेप और तिहरे हत्या के मामले के पांच दोषियों की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा, जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने फैसले में कहा है कि यह केस समाज को झकझोरने वाला है। लेकिन आरोपियों को मृत्युदंड की कठोर सजा देना उचित नहीं है, क्योंकि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर मामला नहीं है।
हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपियों की आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होने और उनकी उम्र को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। प्रकरण के अनुसार जनवरी 2021 में कोरबा जिले में एक 16 साल की पहाड़ी कोरवा लड़की के साथ गैंगरेप के बाद उसकी हत्या कर दी गई। साथ ही उसके पिता और एक चार साल की बच्ची को भी बेरहमी से मार दिया गया।
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कोरबा जिले के देवपहरी निवासी विशेष जनजाति कोरवा समुदाय के परिवार का मुखिया संतराम मंझवार के मवेशियों को चराने का काम करता था। इसके एवज में 8000 रुपए सालाना और हर महीने 10 किलो चावल देने की बात हुई थी। लेकिन, संतराम मंझवार ने साल भर से बकाया भुगतान नहीं किया। पत्नी ने पुलिस को बताया कि वो अपने पति और बच्ची के साथ मवेशी चराने का हिसाब-किताब करने संतराम के पास गई थी। इस दौरान कहा था कि हमारा पैसा दे दो फिर हम अपने घर चले जाएंगे, तब संतराम ने उसे 600 रुपए नकद, अनाज दे दिया।
जिसके बाद उसका अपने गांव जाने के लिए ग्राम सतरेंगा के बस स्टैंड निकल गया। कुछ देर बाद संतराम अपने साथियों के साथ आया। सभी को बाइक से घर छोड़ने की बात कही। पत्नी को एक बाइक से आगे भेज दिया। उसके पति, नाबालिग बेटी और नातिन को रोक लिया। इसके बाद जब तीनों घर नहीं पहुंचे, तब पत्नी तीनों की तलाश करते हुए संतराम के घर भी गई थी। लेकिन उनकी कोई जानकारी नहीं मिली। उसने थाने में शिकायत की। उसकी शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी।

पिता के सामने बेटी से रेप, फिर सबकी हत्या

घटना के दूसरे दिन 29 जनवरी 2021 को गढ़-उपोड़ा के कोराई जंगल में पिता(45), उनकी बेटी (16) और नातिन (4) के शव 30 जनवरी को मिले। पत्नी के बयान के आधार पर पुलिस ने संदेहियों को पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि आरोपी संतराम और अन्य मिलकर पिता को अपने साथ ले गए।
रास्ते में आरोपियों ने शराब पी और उसको भी पिलाई। आरोपियों ने पहले से तय साजिश के अनुसार घटना को अंजाम दिया। पिता के सामने उसकी बेटी से गैंगरेप किया। उसने विरोध किया तो लाठी-डंडे से पीट-पीटकर पिता की हत्या कर दी। इसके बाद उसकी बेटी और चार साल की नातिन को भी मार डाला।

जिला न्यायालय ने सुनाई थी फांसी की सजा

जांच के बाद पुलिस ने संतराम मंझवार (45), अनिल कुमार सारथी (20), आनंद दास (26), परदेशी दास (35) और जब्बार उर्फ विक्की (21) के साथ ही उमाशंकर यादव (22) को गैंगरेप और हत्या के केस में गिरफ्तार किया। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया। मामले की सुनवाई के बाद जिला एवं अपर सत्र न्यायालय (पॉक्सो कोर्ट) की विशेष न्यायाधीश डॉ. ममता भोजवानी ने अपने फैसले में कहा, अमानवीय और निर्दयतापूर्वक किया गया कृत्य वीभत्स, पाशविक और कायरतापूर्ण है।
वासना को पूरा करने के लिए निर्दोष और कमजोर लोगों की हत्या की गई, जिससे पूरे समाज की सामूहिक चेतना को आघात पहुंचा है। इसलिए आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई। जबकि, एक आरोपी उमाशंकर यादव को उम्रकैद की सजा दी। फांसी की सजा पुष्टि के लिए प्रकरण हाईकोर्ट भेजा गया था।

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