Bilaspur Namaz Controversy: उठ रहे सवाल
इससे मामले में विवि की कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं। यह मामला ईद के दौरान 31 मार्च को शिवतराई गांव में एनएसएस शिविर के दौरान का है। इसकी शिकायत 16 अप्रैल को छात्रों ने कोनी थाने में की थी। जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने केवल एक पर कार्रवाई करते हुए बाकियों पर मेहरबानी दिखाई है। 15 दिन बाद मामले की मिली जानकारी: प्रो. झा
तत्कालीन एनएसएस कोऑर्डिनेटर प्रो. दिलीप झा ने बताया कि कैंप के 7 दिनों में से एक भी दिन वे शिवतराई नहीं गए। कोऑर्डिनेटर यूनिवर्सिटी में ही रहते हैं, तो वे उसी हिसाब से बिलासपुर में रहकर अपने अन्य काम देख रहे थे। उन्हें इस मामले की जानकारी 15 दिन बाद हुई, जब छात्रों ने इसकी शिकायत की। दुर्भाग्य की बात है कि इन 15 दिनों में कैंप में शामिल एक छात्र ने भी उनसे कोई शिकायत नहीं की। कैंप में सभी प्रभारी गए हुए थे। उन्होंने भी कोई जानकारी नहीं दी थी।
जिस तेजी से मामला उठा, उसी रफ्तार से ठंडे बस्ते में जा रहा
सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एनएसएस कैंप में कुल 159 छात्र-छात्राएं मौजूद थे। इसमें से 4 मुस्लिम और बाकी 155 हिंदू छात्र थे। शिकायत करने वाले छात्रों ने यह आरोप लगाया कि जबरन हिंदू छात्रों को ईद के दिन नमाज पढ़ने पर मजबूर किया गया। मामले में एबीवीपी सहित अन्य हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया था।