पिछली सरकार के फैसले को पलटा
सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के फैसले को पलट दिया है। बीते दिनों
छत्तीसगढ़ विधानसभा में ‘छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता (संशोधन) विधेयक-2025’ लाया गया था, जिसमें जमीनों की खरीदी- बिक्री को लेकर कई तरह के प्रावधान किए गए थे। इसमें 5 डिसमिल से कम आकार की कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं करने का नियम भी शामिल था। अब इस नियम के राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही सभी जिला पंजीयकों को आदेश जारी किया गया है।
कृषि भूमि भी बिक रही थी टुकड़ों में
17 जुलाई को लाए विधेयक में वर्तमान भाजपा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के फैसले को पलटा है। पहले 5 डिसमिस से कम कृषि भूमि की भी टुकड़ों में रजिस्ट्री की जा रही थी। इससे किसान अपनी सहूलियत के अनुसार जमीन बेचने को स्वतंत्र थे।विधेयक पारित करने के दौरान राज्य शासन की ओर से तर्क दिया गया कि कांग्रेस शासन में 5 डिसमिल से नीचे कृषि भूमि की रजिस्ट्री होने के कारण पूरे प्रदेश में अवैध प्लॉटिंग शुरू हो गई। इससे जगह-जगह समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं।
आदेश की आड़ में मनमानी भी
जमीन संबंधी विधेयक पारित होने के बाद इसकी आ? में मनमानी की शिकायत भी सामने आ रही है। रजिस्ट्री कार्यालय के वेंडरों से मिली जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र की 5 डिसमिल से कम डायवर्टेड जमीन की भी रजिस्ट्री पर रोक लगाई जा रही है। इसकी वजह स्थिति स्पष्ट न होना था। इधर बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने पिछले दिनों अवैध प्लॉटिंग और सरकारी जमीन की रजिस्ट्री न करने के निर्देश दिए थे। लेकिन पंजीयन विभाग के पास शहर में अवैध जमीन संबंधी कोई रिकॉर्ड न होने से असमंजस की स्थिति है। इस चक्कर में वैध निजी 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री में भी अड़ंगा लगने की जानकारी मिल रही है। लेकिन राज्य के पंजीयन महानिरीक्षक के निर्देश जारी होने के बाद वैध डायवर्टेड 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री भी हो सकेगी।
पंजीयन महानिरीक्षक से मिले दिशा निर्देशों के अनुसार प्रदेश में अब 5 डिसमिल से कम कृषि भूमि की रजिस्ट्री नहीं होगी। लेकिन डायवर्टेड वैध जमीन की 5 डिसमिल से कम होने पर भी पूर्ववत रजिस्ट्री होगी। इसमें कोई फेरबदल नहीं किया गया है। – राजीव स्वर्णकारजिला पंजीयक, बिलासपुर