पेयजल संकट को लेकर 8 मई से धरना देंगे भाजपा के वरिष्ठ नेता देवी सिंह भाटी, इससे पहले राजे ने उठाई थी आवाज
Senior BJP Leader Devi Singh Bhati Protest: भाटी ने चेताया कि जिला प्रशासन ने हालात को नहीं सुधारा तो 8 मई से वह जिला कलक्टर कार्यालय के सामने धरना शुरू कर देंगे।
Rajasthan Drinking Water Crisis: बीकानेर और ग्रामीण क्षेत्र में नहरबंदी के दौरान पैदा पेयजल संकट और लोगों को टैंकरों का महंगा पानी खरीदने को मजबूर होने की परेशानी को लेकर वरिष्ठ भाजपा नेता देवीसिंह भाटी आगे आए है।
भाटी ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सिंचाई और जलदाय विभाग के अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों के जनता के बीच जाकर परेशानी समझकर समाधान नहीं करने के आरोप लगाए। भाटी ने चेताया कि जिला प्रशासन ने हालात को नहीं सुधारा तो 8 मई से वह जिला कलक्टर कार्यालय के सामने धरना शुरू कर देंगे।
देवीसिंह भाटी ने कहा कि नहर बंदी से पहले जलदाय विभाग तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों को पेयजल आपूर्ति के लिए ठोस व्यवस्थाएं नहीं की। नतीजन अब नहर बंदी के दौरान शहर एवं ग्रामीण इलाकों में पानी के लिए लोग त्राहि-त्राहि कर रहे है। इसके बाद भी अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे है। जनप्रतिनिधि जनता की तकलीफ नहीं सुनते और अधिकारी फील्ड में नहीं जाते हैं। बंद कमरे में बैठ कर केवल निर्देश जारी कर रहे है।
ग्रामीण इलाकों में पेयजल डिग्गियां खाली पड़ी है। पर्याप्त विद्युत आपूर्ति नहीं होने से नलकूप पूरे समय चल नहीं पाते हैं। खाजूवाला में खारे पानी की आपूर्त हो रही है। जलदाय विभाग केवल कागजों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन नहर बंदी में पेयजल व्यवस्था करने में विफल साबित हो रहा है। शहर की प्यास बुझाने वाले शोभासर एवं बीछवाल जलाशय में बहुत कम पानी बचा है।
मनमर्जी का वसूलाजा रहा शुल्क
भाटी ने आरोप लगाया कि नहर बंदी के दौरान टैंकर वाले भी मनमर्जी के दाम वसूल रहे हैं। लोग मजबूरी में 800 से एक हजार रुपए तक पानी के टैंकर के दे रहे हैं। जबकि बीडीए तथा नगर निगम में पचास-पचास लाख रुपए के पेयजल टैंकर वितरण के ठेके कर रखे हैं। उन्होंने कलक्टर से मांग की है कि टैंकरों की दर तय करें। जिला प्रशासन की लापरवाही से राज्य सरकार की बदनामी हो रही है।
इससे पहले वसुंधरा राजे उठाई थी आवाज
राजस्थान की पूर्व CM वसुंधरा राजे ने भी पेयजल संकट पर आवाज उठाई थी। दरअसल अप्रेल माह में उन्हें पेयजल संकट की शिकायत मिली तो उन्होंने फौरन अधिकारियों की क्लास लगा दी और उन्हें चेतावनी भी दी थी। सख्त लहजे में उन्होंने कहा था कि ‘PM मोदी जी ने 42 हज़ार करोड़ जल जीवन मिशन में दिये हैं। इसकी पाई-पाई का हिसाब दो।’