Rajasthan: किराये के बैंक अकांउट से ऑनलाइन ठगी, 5 करोड़ रुपये ट्रांसफर, गिरोह के 3 सदस्य गिरफ्तार
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी बचत खाता देने पर 15 हजार और चालू खाता देने पर 30 हजार रुपये देते थे। खातों में ठगी की राशि ट्रांसफर होने पर खाताधारक को 5 से 10 फीसदी तक कमीशन भी मिलता था।
बीकानेर। जिला पुलिस की साइबर सेल ने अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस मामले में बीकानेर के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह पर फर्जी बैंक खातों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग और ऑनलाइन ठगी में लिप्त होने का आरोप है। पुलिस को जांच में 584 संदिग्ध बैंक खातों की जानकारी मिली थी, जिनमें से तीन खातों से एक साल में करीब 5 करोड़ रुपये का लेन-देन सामने आया है।
पुलिस अधीक्षक कावेन्द्र सिंह सागर के अनुसार, गिरफ्तार आरोपियों में वल्लभ गार्डन निवासी राहुल सिंह (34), तिलक नगर निवासी मनमोहन (31) और रामपुरा बस्ती निवासी नाहिद अली (30) शामिल हैं। तीनों ने अपने और अन्य लोगों के नाम पर बैंक खाते खुलवा कर किराए पर दिए थे, जिनका उपयोग ठगी की रकम इधर-उधर करने में किया गया।
कैसे होता था धंधा?
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी बचत खाता देने पर 15 हजार और चालू खाता देने पर 30 हजार रुपये देते थे। खातों में ठगी की राशि ट्रांसफर होने पर खाताधारक को 5 से 10 फीसदी तक कमीशन भी मिलता था। आरोपियों के जरिए ऑनलाइन गेमिंग, सट्टेबाजी और अन्य धोखाधड़ी से जुड़ी रकम का बड़े पैमाने पर लेन-देन किया गया। राहुल सिंह के 14 खातों पर देश भर से 53, मनमोहन के एक खाते पर 14 और नाहिद अली के पांच खातों पर 17 शिकायतें दर्ज हैं।
साइबर सुरक्षा अभियान 25 जून तक
एएसपी खान मोहम्मद के अनुसार, साइबर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने 25 मई से 25 जून तक विशेष साइबर सुरक्षा अभियान शुरू किया है। इसके तहत जिलों को संदिग्ध खातों की सूची सौंपी गई है। बीकानेर साइबर सेल को मिले 584 खातों में से तीन में सबसे ज्यादा लेन-देन मिला, जिसके आधार पर कार्रवाई की गई।
टीम में ये लोग रहे शामिल
पुलिस निरीक्षक रमेश सर्वटा, उप निरीक्षक विशु शर्मा, हवलदार अनिल, सिपाही सुभाष, महेन्द्र, महेश, सुभाष, श्रीराम, मनोज, सीताराम, रविन, सत्यनारायण,अनिता और रामबक्श शामिल थे। उक्त टीम ने 17 दिन में कड़ी मेहनत कर अंतरराज्जीय साइबर ठग गिरोह को पड़ने में सफलता हासिल की।