ये पौधे पनप रहे सामाजिक कार्यकर्ता मिलन गहलोत बताते है कि शोधित पानी से भीनासर और सुजानदेसर गोचर क्षेत्र में करीब साढ़े तीन सौ बीघा भूमि पर नीम, करंज, बकेण, सरेस, बड़, अमलतास, जाल, शहजन, केसिया जामा, ऐळिया, कल्पवृक्ष, गुंदा, मेहंदी, मरवा आदि पौधे पनप गए है। स्थानीय प्रजाति के वृक्ष बोटी, खेजड़ी और कैर भी खूब है। बगेनबेल, सदाबहर, टीकम और गुलमोहर के पुष्प खिल रहे हैं।
पशुओं के लिएभरपूर घास गोचर भूमि पर शोधित पानी से पशुओं के लिए कई प्रकार की घास उगाई जा रही है। स्थानीय घास गंठिया, सेवण, धामण, भुट, दूधी और सोनामुखी पनप गई है। गुजरात से लाकर यहां लगाई नेपियर के लिए भी शोधित पानी वरदान साबित हो रहा है।
बन गयाऑक्सीजन पार्क सुजानदेसर गोचर भूमि पर नगर निगम और बीडीए ने ऑक्सीजन पार्क तैयार किया है। कई ब्लॉक में अब तक एक लाख से अधिक पौधे लगाए जा चुके है। इस साल भी यहां एक-एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य हैं।
हजारों पौधे लग चुके नगर निगम की ओर बल्लभ गार्डन एसटीपी व डंपिंग यार्ड के पास सघन पौधरोपण किया जा रहा है। अब तक चार हजार से अधिक पौधे लगाए जा चुके है। करीब दस हजार पौधे और लगाने है। एसटीपी परिसर में पौधे और दूब उगाई गई है।
3 एसटीपी, 72 एमएलडी क्षमता, रोज 35 एमएलडी पानी शोधित बीकानेर शहर में बल्लभ गार्डन, सुजानदेसर और सरह नथानिया क्षेत्र में तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट चल रहे है। तीनों की कुल क्षमता 72 एमएलडी है। अभी यह रोजाना करीब 35 एमएलडी पानी शोधित कर रहे है।
मूंगफली, सरसों, चना, ईसबगोल, ग्वार की खेती नगर निगम की ओर से बल्लभ गार्डन क्षेत्र में एसटीपी के पास 100 बीघा भूमि लीज पर दी हुई है। इस भूमि पर एसटीपी के शोधित पानी से खेती की जा रही है। लीज फर्म के व्यवस्थापक श्रवण कुमार के अनुसार मूंगफली, सरसो, ईसबगोल, चणा, ग्वार की खेती की जा रही है।
हरयाळो राजस्थान की भूमिका सुजानदेसर व भीनासर गोचर भूमि सहित बल्लभ गार्डन डंपिंग यार्ड के पास सघन पौधरोपण में राजस्थान पत्रिका के हरयाळो राजस्थान की अहम भूमिका रही है। अभियान के तहत इन क्षेत्रों में अब तक हजारों पौधे लगाए गए। जो अब बड़े होकर वृक्ष बन रहे है।