यह है मामला गफार खां की अजमेर निवासी शैतानसिंह से जान-पहचान थी। शैतान सिंह बुधवार को अपने चाचा के लड़के विक्रम सिंह, एक तांत्रिक व तीन अन्य को साथ लेकर खाजूवाला आया। शैतान सिंह के साथ आए व्यक्तियों में से एक ने खुद को तांत्रिक बताते हुए “रुपए दोगुने” करने का दावा किया और स्थानीय व्यक्ति गफार खां व उसके साथियों को जाल में फंसा लिया। यह गिरोह पिछले कई दिनों से इलाके में सक्रिय था।
ऐसे रचा गया जाल अजमेर निवासी शैतान सिंह ने स्थानीय निवासी परिचित गफार से तांत्रिक और दूसरे लोगों को मिलवाया। गफार से 50 हजार लिए और गफार को एक लाख लौटाए। फिर एक लाख लेकर दो लाख लौटाए। विश्वास जमाने के बाद गफार खां, सलमान खां और राजेन्द्र पूनियां से 50 लाख रुपए मंगवाए। इसके बाद गुरुवार रात को तांत्रिक ने तंत्र विद्या के नाम पर वहां मौजूद गफार, गफार के बेटे सलमान, राजेन्द्र पूनिया, शैतानसिंह, विक्रम सिंह व दो अन्य को हलवे में नशीली गोलियां खिला दीं।
परिवार को पहले हटवाया गफार खां ने गुरुवार को ही तांत्रिक के कहने पर अपने परिवार को घर से बाहर भेज दिया था, यह कहते हुए कि जमीन सौदे के लिए कुछ लोग आ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, राजेन्द्र पूनिया ने 45 लाख रुपए, वहीं गफार ने पांच लाख रुपए दिए थे। बचे दोनों भुक्तभोगियों की मानें, तो नशीला हलवा सात लोगों ने खाया। एक की खाजूवाला में और दो के शव शोभासर के पास मिल गए। तांत्रिक और दो अन्य का पता नहीं चल सका है।
सुबह होश तो आया, लेकिन… शुक्रवार सुबह जब गफार, सलमान, राजेन्द्र, शैतानसिंह व विक्रम सिंह को होश आया, तब तक आरोपी तांत्रिक समेत तीन लोग वहां से जा चुके थे। गफार की हालत गंभीर थी। पीबीएम जाते समय उसकी मौत हो गई। दूसरे साधन से अस्पताल की ओर जाते शैतान सिंह व विक्रम की तबीयत ज्यादा खराब हुई, तो शोभासर के पास उतर गए। वहीं बहोश हो गए और उनकी भी मौत हो गई। राजेन्द्र की हालत चिंताजनक बनी हुई, जिसे परिजन निजी अस्पताल ले गए हैं।