आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को 150 यूनिट तक बिजली खपत पर सब्सिडी दी जाती है। ऐसे में अगर इस सीमा से एक यूनिट भी बिजली की अधिक खपत होती है तो उपभोक्ताओं को मिलने वाली ये सब्सिडी खत्म हो जाती है और आम आदमी को 151 से लेकर जितने यूनिट का बिल आया हो सभी का पूरा भुगतान करना पड़ता है।
यह है नया स्लैब
0 से 50 यूनिट तक 4.45 रुपए प्रति यूनिट 51 से 150 यूनिट तक 5.41 रुपए प्रति यूनिट 151-300 यूनिट तक 6.79 रुपए प्रति यूनिट 300 यूनिट से ज्यादा 6.98 रुपए प्रति यूनिट यह भी पढ़ें- 3 महीने से लापता है नाबालिग, हाईकोर्ट ने दो राज्यो की पुलिस से कहा- ‘7 दिन में ढूंढकर लाओ..’ ऐसे समझें गणित
उपभोक्ता के रिहायशी मीटर में अप्रैल महीने में 149 यूनिट की खपत हुई। इस हिसाब से रोजाना की खपत 4.96 यूनिट बिजली जली। पूरे माह 739.04 रुपए की बिजली जली। शहरी क्षेत्र में एनर्जी, फ्यूल कास्ट और ड्यूटी के 129 रुपए व फिक्स चार्ज के 121 रुपए जोड़कर 989.04 रुपए बिल आया। लेकिन, उसमें 559 रुपये की सब्सिडी मिल गई, जिसके चलते उपभोक्ता को वास्तविक भुगतान के रूप मे सिर्फ 430.4 रुपए और अधिभार अलग से देने पड़ते हैं। वहीं, मई के महीने में इसी उपभोक्ता का बिजली बिल की खपत बढ़कर 151 यूनिट हो जाती है तो ऐसे में स्लैब बदलते ही उपभोक्ता सब्सिडी की पॉलिसी से बाहर हो गया। ऐसे में अब उन्हें पूरा बिल यानी 989.04 रुपए तो चुकाना है, वहीं जितनी यूनिट अधिक आई है, उसमें बढ़े हुए स्लैब के यूनिट के रेट लग जाएंगे, जो उसे चुकाना होगा। गौरतलब है कि ज्यादातर घरों में मीटर रीडिंग की तारीख एक से चार दिनों तक बढ़ने पर बिजली बिल भी अधिक बढ़ जाता है।
अप्रैल से लागू हुआ नया टैरिफ
बिजली कंपनियों ने 4107.18 करोड़ का घाटा बताते हुए बिजली के मौजूदा टैरिफ में 7.52 प्रतिशत बढ़ाने की मांग की थी। इसके बदले आयोग की ओर से इसे 3.46 प्रतिशत बढ़ाया है। नया टैरिफ अप्रैल से प्रदेशभर में लागू किया गया है। यह भी पढ़ें- सावधान! यहां रिहायशी इलाके में घूम रहा है भालू, Video तो खत्म हो जाता है सब्सिडी का लाभ
मध्य प्रदेश में करीब एक करोड़ से अधिक घरेलू उपभोक्ता सरकार द्वारा 150 यूनिट बिजली की खपत पर सब्सिडी पा रहे हैं। ऐसे में 149 यूनिट तक का बिल आने पर करीब 559 रुपए तक का लाभ हो जाता है। लेकिन अगर इस ग्राफ से एक यूनिट भी बढ़ जाती है तो सब्सिडी का लाभ भी बंद हो जाता है और उपभोक्ता को पूरे बिल का भुगतान करना पड़ता है।
सभी सेक्टर्स के लिए बिजली महंगी
बिजली कंपनियों की मांग पर आयोग ने हर सेक्टर के बिजली बिलों में बढ़ोतरी की है। यानी घरेलू, गैर घरेलू, उद्योग, नगर निगम, नगर पंचायत से लेकर कृषि उपभोक्ताओं तक के टैरिफ में बढे हैं। इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट, पानी सप्लाई तक के बिजली बिल भी बढ़कर आ रहे हैं। घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के टैरिफ में प्रति यूनिट 19 पैसे, गैर घरेलू उपभोक्ताओं के टैरिफ में प्रति यूनिट 20 पैसे और कृषि उपभोक्ताओं के टैरिफ में प्रति यूनिट 7 पैसे तक बढ़ोतरी हुई है।