पीड़ित पति ने बताया कि पत्नी का एक ही उद्देश्य है कि वह उसे तलाक दे दे, लेकिन इसके लिए भी हैसियत से अधिक कीमत मांग रही है। वह बेरोजगार है, ऐसे में इतनी राशि कहां से लाएगा। शादी करीब 10 साल पहले हुई थी।
दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज
कुछ दिनों बाद पत्नी तलाक का दबाव बनाने लगी। इसके बाद भी पति उसे समझाइश देते हुए मनाता रहा लेकिन पत्नी ने साफ तौर पर पति और उसके परिवार के साथ रहने से मना कर दिया। मायके जाने के बाद पत्नी ने पति सहित परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा दिया। ये केस हारने के बाद घरेलू हिंसा का केस दर्ज कराया। अब पत्नी तलाक लेने के लिए 25 लाख रुपए की मांग कर रही है।
कानून में बदलाव की मांग
वॉच लीग संस्था की चांदना अरोरा ने मांग की कि अब कानून में बदलाव होना चाहिए। फर्जी मामलों की जांच के बाद इन्हें खारिज किया जाए। कई बार पत्नियां झूठे मामले दर्ज कराती हैं, उन पर आपराधिक कार्रवाई हो। बदलते अपराध के मद्देनजर नई धाराएं जोड़ी जाएं। महिलाएं ब्लैकमेल कर रहीं हैं, तो उसकी धारा बने। महिला पति और ससुराल पक्ष को प्रताड़ित कर रही है, उसकी धारा जोड़ी जाए। वैवाहिक ब्लैकमेल की धाराएं जुड़े। अरोरा का कहना है कि ज्यूडीसियरी ऐसे मामलों में संवेदनहीनता और दयालुता के साथ ऐसे मामलों में विचार करते हुए निराकरण करे, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।
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एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक दहेज प्रताडऩा और क्रूरता के सबसे ज्यादा प्रकरण भोपाल में 684 दर्ज किए गए हैं। पूरे प्रदेश में 8 हजार 486 प्रकरण दर्ज किए गए।