साथ ही क्रिस्टल कंपनी के ठेकेदार पर पेनाल्टी राशि वसूलने के लिए कार्रवाई करने और 9800 से अधिक आउटसोर्स कर्मियों के तबादले निरस्त करने के मामले में पुनर्विचार करने को कहा। एमडी ने 40 किमी से अधिक दूरी वाले मामलों और गंभीर बीमारी के शिकार कर्मियों के मामलों में पुनर्विचार करने की बात कही। बैठक में बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय संयोजक मनोज भार्गव, महासचिव राहुल मालवीय, नरेन्द्र भदौरिया, सतीश साहू एवं राजकुमार मस्की आदि शामिल रहे।
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वेतन और भत्ता: आउटसोर्स कर्मियों को उच्च कुशल श्रेणी का न्यूनतम वेतन देने, जोखिम भत्ता नाइट एलाउंस देने की मांग की।
सीपीसीटी अनिवार्यता: आउटसोर्स कर्मियों के लिए सीपीसीटी की अनिवार्यता को हटाकर ऐच्छिक करने की मांग की। सुरक्षा और प्रशिक्षण: आउटसोर्स कर्मियों को सुरक्षा उपकरण प्रदान करने और तकनीकी प्रशिक्षण देने की मांग की गई।
कार्यस्थल की सुविधाएं: सब-स्टेशनों में शौचालय, बाथरूम और स्वच्छ पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने की मांग की गई। सेवा निवृत्ति आयु: आउटसोर्स कर्मियों की सेवा निवृत्ति आयु बढ़ाकर 62 वर्ष करने की मांग की गई।