इसके बाद अन्य शहरों में विस्तार किया जाएगा। खास यह कि इस सेवा में राइड आम टैक्सियों की तुलना में सस्ती होगी। ड्राइवरों को किसी कंपनी को कमीशन नहीं देना होगा। उनकी कमाई बढ़ेगी। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Cooperative Minister Amit Shah) ने इसकी घोषणा की थी। प्रदेश में काम भी शुरू हो गया है। (MP News)
मंत्री विश्वास सारंग ने दिए निर्देश
एमपी के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग (Vishwas Sarang) ने अफसरों को सहकार टैक्सी शुरु करने के लिए तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। बायलॉज का काम चल रहा है। इसमें कैब लिंक करने, पंजीयन, संचालन की रूपरेखा, रुट्स की मैपिंग, किराए, सुरक्षा, पोर्टल और ऐप शुल्क, टैक्स आदि की रूपरेखा तैयार की जा रही है। सेवा के तहत दोपहिया टैक्सियो, 3 पहिया ऑटो-रिक्शा और 4 पहिया टैक्सियों का पंजीकरण होगा। लोगों को बाइक, कैब व ऑटो सभी सुविधाएं मिलेंगी। सहकारिता आयुक्त मनोज पुष्प ने बताया, बायलॉज तय किए जा रहे हैं। केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार तय किया जाएगा कि मप्र में टैक्सी सेवा के लिए अलग मोबाइल ऐप बनेगा या केंद्र के ऐप से सुविधा दी जाएगी। (MP News)
8 बड़ी सहकारी संस्था समितियों के जरिए काम
अधिकारियों ने बताया कि केंद्र स्तर पर तेजी से काम चल रहा है। केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय को 300 करोड़ का बजट दिया गया है। शुरुआत 8 बड़ी सहकारी संस्थानों और समितियों के जरिए होगी। इनमें कृषक भारती सहकारी लिमिटेड, राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक, राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड और राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड, बहु-राज्य सहकारी टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम, भारतीय कृषक उर्वरक सहकारी लिमिटेड और गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ शामिल हैं। इसमें सरकार की दखलअंदाजी नहीं होगी।