इसके लिए मनरेगा परिषद ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने पौधरोपण के संबंध में निर्देश भी जारी किए हैं। यह अभियान 15 जुलाई से शुरू होकर 15 अगस्त तक चलाया जाएगा। इसमें पौधरोपण से लेकर उसकी सुरक्षा तक के इंतजाम किए जाएंगे।
इन जिलों में लगाए जाएंगे पौधे
नर्मदा आश्रय स्थलों पर जिन जिलों में पौधरोपण किया जाएगा, उनमें अनूपपुर, डिंडोरी, मण्डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, सिवनी, बड़वानी, अलीराजपुर, धार, नर्मदापुरम, रायसेन, सीहोर, हरदा, देवास, खंडवा एवं खरगोन शामिल हैं।
सॉफ्टवेयर से 1000 एकड़ भूमि चिह्नित की गई
परिक्रमा पथ पर आश्रय स्थलों में पौधरोपण के लिए मनरेगा द्वारा 1000 एकड़ भूमि को सिपरी सॉफ्टवेयर के जरिए चिह्नित कर लिया गया है। 16 जिलों में कुल 233 प्वाइंट बनाए गए हैं। जहां 43 करोड़ रूपए की लागत से 7.50 लाख पौधों को न सिर्फ लगाएंगे बल्कि सुरक्षा इंतजाम भी करेंगे।
ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से होगी निगरानी
नर्मदा परिक्रमा पथ के आश्रय स्थलों की भूमि पर पौधरोपण का कार्य सही ढ़ग से हो रहा है या नहीं। इसको लेकर निगरानी का सिस्टम भी तैयार कर लिया गया है। मनरेगा परिषद द्वारा इसकी ड्रोन-सैटेलाइट इमेज से निगरानी की जाएगी। पौधरोपण दो श्रेणियों में होगा। पहले में 136 ऐसे स्थान होंगे जहां पर 2 एकड़ से अधिक भूमि है। यहां पर 2.15 लाख पौधे लगाए जाएंगे। दूसरा 97 ऐसे स्थान हैं जहां पर 1 एकड़ से अधिक और 2 एकड़ से कम भूमि है। यहां पर 5.50 लाख पौधे लगाने की योजना है।
पौधरोपण के साथ सुरक्षा के भी इंतजाम
नर्मदा के आश्रय स्थलों की भूमि पर 7.50 लाख पौधे लगाने की तैयारी है। 15 जुलाई से यह कार्य शुरू होगा। पौधा लगाने के साथ तारों से फेसिंग कर उनकी सुरक्षा भी की जाएगी। इस अभियान में सिपरी सॉफ्टवेयर से काफी मदद मिली है।-अवि प्रसाद, आयुक्त, मनरेगा