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भोपाल

गर्भवती महिलाओं में बढ़ा खतरा, समय से पहले जन्म ले रहे कम वजन के बच्चे, सामने आया चौंकाने वाला कारण

Pregnant Women At Increase Risk : गर्भवती महिलाओं की तरफ तेजी से बढ़ रहा बड़ा खतरा। वायु प्रदूषण के कारण तेजी से बढ़ रही प्री-मैच्योर डिलीवरी की समस्या। गर्भस्थ शिशु के विकास में बाधक पीएम 2.5 कण।

भोपालJul 06, 2025 / 12:59 pm

Faiz

Pregnant Women At Increase Risk

गर्भवती महिलाओं में बढ़ा खतरा (Photo Source- Patrika)

Pregnant Women At Increase Risk : शहरों की हवा अब सिर्फ सांसों में जहर ही नहीं घोल रही, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चों के स्वास्थ्य पर भी गंभीर असर डाल रही है। हाल ही में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें पता चला है कि मध्य प्रदेश राज्य के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, सागर और रीवा जैसे जिलों में बढ़ता वायु प्रदूषण (पीएम 2.5) गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ा खतरा बन गया है। नवजातों का वजन कम होने और समय से पहले जन्म की आशंका बढ़ गई है।
ये रिपोर्ट पीएलओएस ग्लोबल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुई है। इस अध्ययन के लिए 2019 से 2021 के बीच के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण एनएफएचएस-5 और सैटेलाइट से मिले डेटा का इस्तेमाल किया गया था। रिपोर्ट में भोपाल और उसके आसपास के इलाके हाई-हाई क्लस्टर में शामिल हैं। यानी यहां वायु प्रदूषण और जन्म के समय होने वाली जटिलताएं दोनों ही बहुत अधिक हैं। यानी, इन इलाकों में रहने वाली माताओं और उनके शिशुओं पर दोहरी मार पड़ रही है।

क्या कहते हैं आंकड़े?

भारत में हर सातवां बच्चा समय से पहले पैदा हो रहा है और हर छठा बच्चा जन्म के समय 2500 ग्राम से कम वजन का पाया जा रहा है। मध्य प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश में यह समस्या सबसे ज़्यादा है। अध्ययन के मुताबिक, हवा में पीएम 2.5 के स्तर में हर 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की बढ़ोतरी से कम वजन वाले बच्चों की संया में 5 प्रतिशत की वृद्धि होती है। समय से पहले प्रसव की संभावना 12 प्रतिशत बढ़़ जाती है।
एस भोपाल के एडिशनल प्रोफेसर, डॉ. भूपेश्वरी पटेल का कहना है कि, एक नवजात का जन्म स्वस्थ और समय पर होना उसके पूरे जीवन की नींव तय करता है। पीएम 2.5 जैसे सूक्ष्म कण मां के शरीर में जाकर सीधे गर्भस्थ शिशु के विकास को प्रभावित करते हैं। इससे बच्चे का स्वास्थ्य खराब हो सकता है। यह केवल स्वास्थ्य का विषय नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ी की गुणवत्ता से जुड़ा मसला है।

प्री मैच्योर डिलीवरी बढ़ी

कैलाश नाथ काटजू हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रचना दुबे का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में गर्भवती महिलाओं में समयपूर्व प्रसव और कम वजन वाले नवजातों के मामले बढ़ते देख रहे हैं। खासकर शहरी इलाकों में, जहां वाहनों 7 की संया और वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ा है। अगर हम वायु गुणवत्ता पर तत्काल ध्यान नहीं देंगे, तो मातृत्व स्वास्थ्य पर इसका असर और भी गंभीर हो सकता है।

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